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    संभल हिंसा में आरोपी दो महिलाओं समेत 15 की जमानत खारिज, अब 31 जनवरी से सात फरवरी तक होगी सुनवाई

    Updated: Thu, 30 Jan 2025 09:31 PM (IST)

    जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के 41 आरोपियों की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। इसमें 26 आरोपियों ने स्थगन ले लिया जबकि 15 आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई। इन 15 आरोपियों में दो महिलाएं भी शामिल हैं। बाकी 26 आरोपियों के जमानत प्रार्थना पत्रों पर 31 जनवरी से सात फरवरी तक सुनवाई होनी है।

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    दंगे के आरोपियों की सुनवाई के लिए डाली गई जमानत प्रार्थना पत्र के दौरान न्यायालय पर तैनात पुलिस फोर्स। जागरण

    जागरण संवाददाता, संभल। जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के 41 आरोपियों की जमानत अर्जी पर आज सुनवाई होनी थी, जिनमें 26 ने स्थगन ले लिया, जबकि 15 आरोपियों की जमानत अर्जी अधिवक्ताओं द्वारा की गई बहस के बाद खारिज कर दी गई। इनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। बाकी के 26 आरोपियों के जमानत प्रार्थना पत्रों पर 31 जनवरी से सात फरवरी तक सुनवाई होनी है।

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    गुरुवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश रेप एंड पॉक्सो निर्भय नारायण राय की अदालत में संभल थाना में पंजीकृत मुकदमा अपराध संख्या 333 में आमिर, समीर, याकूब, सुजाउद्दीन उर्फ सज्जू, मुहम्मद रिहान, मुहम्मद अली, नईम, मुहम्मद गुलफाम, मुहम्मद सलीम, तहजीब, मुहम्मद फिरोज, शारिक एवं मुुहम्मद शादाब के जमानती प्राथना पत्रों पर सुनवाई की गई। 

    साक्ष्यों के आधार पर जमानत अर्जी खारिज

    अभियोजन पक्ष के सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता हरिओम प्रकाश उर्फ हरीश सैनी एवं बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने बहस की। दोनों ओर के अधिवक्ताओं की दलीलों को सुनने और अब मिले साक्ष्यों के आधार पर सभी की जमानत अर्जी को निरस्त कर दिया गया। 

    इसके अलावा, पुलिस पर पथराव करने वाली नखासा थाना क्षेत्र की महिला रुकैया एवं फरहाना के के जमानत प्रार्थना पत्रों को भी सुनवाई के बाद विद्वान न्यायाधीश द्वारा खारिज कर दिया गया।

    मस्जिद का सर्वे के दौरान भड़की थी हिंसा

    संभल की जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर होने का दावा पेश किए जाने बाद पहले 19 नवंबर और दोबारा 24 नवंबर को मस्जिद का सर्वे किया गया। इसी दौरान हिंसा भड़क गई और जमकर पथराव, आगजनी, तोड़फोड़ और फायरिंग की गई। इसमें चार लोगों की गोली लगने से मौत हो गई थी। 

    इसके साथ ही पुलिस अधिकारियों समेत डेढ़ दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी गोली व पत्थर लगने से घायल हो गए थे। पुलिस की ओर से हिंसा में शामिल 37 लोगों को नामजद करते हुए 3750 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। 

    इसमें अब तक 73 लोगों को गिरफ्तार कर न्यायालय के माध्यम से जेल भेजा जा चुका है। इस मामले में पुलिस की बाइक में आग लगाने और सरकारी पिस्टल की मैगजीन लूटने के मामले में नखासा थाना क्षेत्र के आरोपी विलाल टप्पा की जमानत के लिए सबसे पहले प्रार्थना पत्र दिया गया था। इसे अदालत ने मंगलवार को खारिज कर दिया था।

    31 जनवरी से सात फरवरी तक सुनवाई

    सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता हरिओम प्रकाश सैनी ने बताया कि गुरुवार को नखासा थाना क्षेत्र की दो महिलाओं व संभल कोतवाली क्षेत्र के 13 आरोपियों के जमानती प्रार्थना पत्रों पर अदालत में सुनवाई की गई थी, जिसमें सभी 15 आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई है। अन्य प्रार्थना पत्रों पर 31 जनवरी से सात फरवरी तक सुनवाई की जानी है।

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