सुर्खियों में रहे संभल में खुलेगी ATS की फील्ड यूनिट, हिंसा के बाद कवायद में आई तेजी
संभल जिले की संवेदनशीलता को देखते हुए वहां आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की फील्ड यूनिट शुरू करने की तैयारी है। एटीएस के लिए सत्यव्रत चौकी को अस्थायी ठिकाना बनाया गया है। एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए एटीएस का स्थाई कार्यालय भी यहीं बनेगा। एटीएस आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए काम करेगा।

जागरण संवाददाता, संभल। संभल की संवेदनशीलता को देखते हुए जिले में आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की फील्ड यूनिट संचालित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। शासन से मिले निर्देश के बाद एटीएस फील्ड यूनिट के लिए भवन उपलब्ध कराए जाने की मांग की गई थी। एटीएस के पुलिस महानिरीक्षक प्रेम गौतम ने एसपी संभल को पत्र भेजकर कम से कम 10 कर्मचारियों के लिए कार्यस्थल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। इसमें नवीन पुलिस लाइन में पांच कमरे और एक छोटे हाल की व्यवस्था की बात कही गई थी। हालांकि, फिलहाल स्थाई भवन न मिलने के कारण एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने सत्यव्रत चौकी को एटीएस के लिए अस्थाई ठिकाना बना दिया है। यहां एटीएस कर्मी अपने कामकाज का संपादन कर सकेंगे।
एसपी ने बताया कि संभल की संवेदनशीलता और सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए एटीएस का स्थाई कार्यालय भी यहीं स्थापित कराया जाएगा। फिलहाल अस्थाई ठिकाने के रूप में सत्यव्रत चौकी ही एटीएस का संचालन स्थल बनेगी। यह वही चौकी है, जोकि विवादित स्थल के निकट है और जहां पहले से ही पूरे जिले के डेल्टा कंट्रोल की कमान संभाली जा रही है। पूर्व में डेल्टा कंट्रोल का संचालन बहजोई पुलिस लाइन में होता था, लेकिन अब इसे भी सत्यव्रत चौकी में स्थानांतरित कर दिया गया है। इस तरह एटीएस और डेल्टा कंट्रोल दोनों का संचालन एक ही स्थान से होगा, जिससे सुरक्षा तंत्र मजबूत होगा और तेजी से कार्रवाई संभव हो सकेगी।
एटीएस की फील्ड यूनिट को सत्यव्रत चौकी में अस्थाई रूप से स्थापित किया गया है। बाद में इसे संभल नगर में स्थाई कार्यालय दिलाया जाएगा। जिले की संवेदनशीलता और सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए एटीएस की तैनाती यहां आवश्यक है। - कृष्ण कुमार बिश्नोई, एसपी, संभल।
क्या है एटीएस और क्यों है इसकी जरूरत?
एटीएस यानी आतंकवाद निरोधक दस्ता, पुलिस विभाग की वह विशेष इकाई है जिसे आतंकी घटनाओं की रोकथाम और उनसे जुड़े नेटवर्क को खत्म करने के लिए गठित किया गया है। एटीएस का गठन देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से किया गया। यह दस्ता आतंकवाद, कट्टरपंथी गतिविधियों, अवैध हथियार तस्करी, फर्जी करेंसी और आतंकी संगठनों की फंडिंग जैसी गतिविधियों की जांच करता है।
एटीएस को आधुनिक हथियार, तकनीक और खुफिया साधनों से लैस किया जाता है ताकि वह किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई कर सके। इसका मुख्य काम आतंकवादी घटनाओं की योजना को समय रहते नाकाम करना और अपराधियों को कानून के दायरे में लाना है। एटीएस की स्थापना इसलिए आवश्यक मानी जाती है क्योंकि यह सामान्य पुलिस बल की तुलना में अधिक प्रशिक्षित और विशेष संसाधनों से लैस होता है। इसके कारण एटीएस संवेदनशील जिलों में सुरक्षा व्यवस्था का महत्वपूर्ण आधार बन चुका है।
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