Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ASI की टीम ने भद्रेश्वर तीर्थ और 2 कूपों का किया सर्वे, तालाब में डंडा डाला तो सामने आई ये बात; देखते ही उड़े होश

    Updated: Thu, 26 Dec 2024 09:21 PM (IST)

    एएसआई की टीम ने गुरुवार को संभल के हौज भदे सराय आलम सराय और हल्लू सराय में प्राचीन तीर्थों और कूपों का निरीक्षण किया। टीम ने भद्रेश्वर तीर्थ की दीवारों का अध्ययन कर नमूने लिए और तालाब की गहराई का अनुमान लगाया। प्राचीन चतुर्मुख व अशोक कूप का भी आंकलन किया गया। संभल के 68 तीर्थों और 19 कूपों के पुनर्निर्माण की योजना बनाई जा रही ।

    Hero Image
    संभल के हौज भदेसराय में प्राचीन स्थल की जांच करती एएसआइ की टीम। जागरण

    संवाद सहयोगी, संभल। गुरुवार को भी एएसआइ की टीम ने शहर में तीर्थों और कूपों का निरीक्षण किया। टीम पहले हौज भदे सराय पहुंची। वहां जाग्रत भद्रेश्वर तीर्थ की दीवारों का आंकलन करते हुए उसकी नपाई की। इसके अलावा दीवारों से नमूना एकत्र किया। साथ ही डंडे से तालाब की गहराई का अनुमान लगाया। टीम आलम सराय स्थित प्राचीन चतुर्मुख कूप और हल्लू सराय स्थित अशोक कूप पहुंची। इनका भी निरीक्षण करने के बाद लोगों से जानकारी की।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दरअसल, संभल में 68 तीर्थ और 19 कूप हैं, जो हिंदुओं की आस्था और संस्कृति का प्रतीक हैं। इसमें कई ऐसे तीर्थ और कूप हैं, जो विलुप्त हो चुके हैं। बाकी जो तीर्थ हैं। उनमें हर माह चौबीस कोसिये परिक्रमा होती है, लेकिन अब धीरे धीरे सभी तीर्थ और कूप जाग्रत होते जा रहे हैं। हौज भदेसराय नाम से एक तालाब में कुछ दिन पहले कुछ दीवार सी दिखाई दी।

    तालाब का पानी सोखने के निर्देश

    इसकी जानकारी प्रशासन हुई तो वह मौके पहुंचे और तालाब का पानी सोखने के निर्देश दिए। जिसके बाद प्राचीन दीवार बाहर निकली। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह भद्रेश्वर तीर्थ की दीवार है। जो तीर्थ के रूप में जाग्रत हो रही है। अब प्रशासन उसके जीर्णोद्धार की तैयारी कर रहा है। वहीं गुरुवार को एएसआइ की टीम भी हौज भदे सराय पहुंची, जहां भद्रेश्वर तीर्थ के प्राचीन अवशेषों का निरीक्षण किया गया।

    तालाब में डाला डंडा

    टीम ने तीर्थ की दीवारों का गहराई से अध्ययन किया और संरचना की मजबूती को आंकने के लिए नाप-जोख की। इसके अलावा दीवारों से नमूने भी एकत्रित किए गए, ताकि निर्माण सामग्री का विश्लेषण किया जा सके। तालाब की गहराई का पता लगाने के लिए डंडे की मदद से उसका अनुमान लगाया गया। इसके बाद टीम आलम सराय में स्थित प्राचीन चतुर्मुख कूप पहुंची।

    इस कूप को पौराणिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। टीम ने कूप की संरचना, उसके निर्माण में उपयोग की गई सामग्री और उसकी स्थिति का आंकलन किया। इसके अलावा हल्लू सराय में स्थित अशोक कूप का भी निरीक्षण किया गया। टीम ने स्थानीय निवासियों से इस कूप से जुड़ी जानकारी एकत्रित की। सर्वे के दौरान एकत्र किए गए नमूनों और जानकारी के आधार पर इन धरोहरों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए कार्य योजना तैयार की जाएगी।

    ये भी पढ़ें - 

    ट्रेन स्टेटस-प्लेटफॉर्म की जानकारी... इस टोल फ्री नंबर पर 24 घंटे मिलेगी मदद; आज ही कर लें मोबाइल में सेव