हाई कोर्ट ने ASI से पूछा- 'संभल जामा मस्जिद की बाहर से पुताई जरूरी है या नहीं?', अगली सुनवाई 12 मार्च को
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) से संभल जामा मस्जिद की बाहरी पुताई को लेकर सवाल पूछे हैं। कोर्ट ने एएसआइ से हलफनामा मांगा है और राज्य सरकार से 1927 के कलेक्टर-मस्जिद कमेटी करारनामे की कॉपी मांगी है। एएसआइ से कहा गया है कि वह बाहर से पुताई को लेकर अपनी रिपोर्ट देंगे। मामले की अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी।
विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) से पूछा है कि संभल जामा मस्जिद में बाहर से पुताई की आवश्यकता है अथवा नहीं, और यदि है तो उसे बाहर से पुताई कराने में क्या परेशानी है?
कोर्ट ने इस संबंध में हलफनामा मांगा है। साथ ही राज्य सरकार को कलेक्टर व मस्जिद कमेटी के बीच वर्ष 1927 में हुए करारनामे की प्रति उपलब्ध कराने के लिए कहा है। प्रकरण में अब बुधवार 12 मार्च को फिर सुनवाई होगी।
एएसआइ से कहा गया है कि वह बाहर से पुताई को लेकर अपनी रिपोर्ट देंगे। इसे लेकर मस्जिद में अंदर जाने की जरूरत नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने दिया है।
कोर्ट के आदेश पर मस्जिद परिसर में सफाई पूरी
एएसआइ की तरफ से अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश पर संभल जामा मस्जिद परिसर में सफाई हो गई है। सफेदी-मरम्मत के संबंध में एएसआइ की रिपोर्ट पर संभल जामा मस्जिद की इंतेजामिया कमेटी की तरफ से आपत्ति दाखिल की गई थी।
एएसआई ने भी अपना जवाब दाखिल किया
एएसआइ ने भी इस पर अपना जवाब दाखिल किया है। साथ ही कोर्ट ने पूर्व में पारित अंतरिम आदेश बढ़ा दिया है। पिछली तिथि पर इंतेजामिया कमेटी की ओर से सीनियर एडवोकेट एसएफए नकवी एवं अधिवक्ता जहीर असगर ने एएसआइ की रिपोर्ट के जवाब में आपत्तियों के साथ शपथ पत्र प्रस्तुत किया था।
राज्य सरकार के लिए महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्र, मुख्य स्थायी अधिवक्ता कुणाल रवि सिंह तथा एएसआइ की ओर से मनोज कुमार सिंह ने पूरक शपथ पत्र दाखिल किया था। उन्होंने बताया था कि कोर्ट के निर्देश के अनुसार सफाई का कार्य पहले ही शुरू हो चुका है। इस पर इंतजामिया कमेटी के अधिवक्ता ने कोई आपत्ति नहीं जताई थी।
12 मार्च को फिर से होगी सुनवाई
महाधिवक्ता ने बताया कि विवादित मस्जिद के आसपास राज्य अधिकारियों द्वारा कानून और व्यवस्था बनाए रखी गई है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित अधिवक्ता हरि शंकर जैन ने बताया कि गत दिवस उनकी ओर से नोटरी शपथ पत्र दाखिल किया गया है। कोर्ट ने कार्यालय को उसका पता लगाने और अगली तिथि तक रिकॉर्ड पर रखने का निर्देश दिया।
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