स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती का निधन, महाकालेश्वर आश्रम में दी गई समाधि
देवबंद में श्री महाकालेश्वर ज्ञान मंदिर आश्रम के अधिष्ठाता स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती का गुरुवार देर रात निधन हो गया। वह 109 वर्ष के थे।

सहारनपुर, जेएनएन। देवबंद में श्री महाकालेश्वर ज्ञान मंदिर आश्रम के अधिष्ठाता स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती का गुरुवार देर रात निधन हो गया। वह 109 वर्ष के थे। शुक्रवार को महाकालेश्वर आश्रम में विधि विधान के साथ उन्हें समाधि दी गई। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने उन्हें याद किया। साथ ही लोगों को उनके बताए मार्ग पर चलने का आह्वान किया।
मूल रूप से बिहार के रहने वाले ब्रह्मानंद सरस्वती वर्ष 1982 से देवबंद में आश्रम चला रहे थे। वह लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। गाजियाबाद के हिलिग ट्री अस्पताल में गुरुवार रात उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका पार्थिव देह रात 1.30 बजे देवबंद स्थित आश्रम लाया गया।
स्वामी ब्रह्मानंद को शुक्रवार सुबह विधि-विधान के साथ उन्हीं के आश्रम में समाधि दी गई। अंतराष्ट्रीय ध्यानगुरू स्वामी दीपांकर महाराज ने बताया कि स्वामी ब्रहमानंद सरस्वती झारखंड प्रांत के जिला दुमका में बातुकीनाथ तीर्थ के तारापीठ के मठाधीश स्वामी अच्युतानंद सरस्वती के शिष्य थे और आरएसएस से जुड़े थे। स्वामी ब्रहमानंद सरस्वती ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री और विहिप के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय के साथ कई वर्षों तक रामजन्मभूमि आंदोलन में भागीदारी की। आरएसएस के सर संघचालक रहे प्रो. राजेंद्र सिंह उर्फ रज्जू भैया, विजयराजे सिधिया, विहिप के शीर्षस्थ नेता अशोक सिघल और प्रवीण तोगडि़या के साथ उनके करीबी संबंध रहे। उनके निधन पर हिदू महासभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश त्यागी, यति नरसिंहानंद सरस्वती, स्वामी दीपांकर महाराज, स्वामी शांतनु महाराज, स्वामी प्रेमानंद सरस्वती, आचार्य वासुदेव शास्त्री, योगाचार्य डा. वरुणवीर, मोहन मित्तल, विनोदानंद, रोहित कौशिक, अभिषेक त्यागी, मनोज सिघल एड., शुभम वत्स आदि ने शोक जताया है।
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