UP News: चार चाकुओं के साथ क्यों स्कूल पहुंचे आठवीं और छठी के छात्र? उन्हें देख टीचर रह गईं सन्न और फिर...
Saharanpur News सहारनपुर के एक स्कूल में हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां कक्षा छह और आठ के छात्र बैग से चाकू लेकर पहुंचे। तलाशी के दौरान उनसे चार चाकू बरामद हुए। स्कूल प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी। छात्रों ने बताया कि उन्होंने शौक के लिए चाकू खरीदे थे। मनोचिकित्सक ऐसे मामले का बड़ा कारण मोबाइल और टीवी का दुष्प्रभाव बताते हैं।

जागरण संवाददाता, सहारनपुर। शनिवार को जूनियर हाईस्कूल के छात्रों के बैग से चाकू और पंच बरामद होने से स्कूल प्रबंधन में हड़कंप मच गया। प्रधानाचार्य ने थाना पुलिस को सूचना दी और उक्त छात्रों को पुलिस के सिपुर्द कर दिया। पुलिस छात्रों को थाने ले आई और स्वजन को बुला लिया। हालांकि स्वजन के गलती मानने पर चेतावनी देकर उक्त दोनों को छोड़ दिया गया।
जनकनगर स्थित एमजीएम स्कूल में पढ़ रहा एक छात्र कई दिन से होमवर्क की कापी चेक नहीं करा रहा था। शिक्षिका रीना ने शनिवार को कापी देखने के लिए उसके बैग की तलाशी ली तो वह सन्न रह गईं। 13 वर्षीय छात्र के बैग से चाकू, पंच और चार्जर का तार बरामद हुआ।
शिक्षिका ने प्रधानाचार्य सौरभ सिंघल को इसकी जानकारी दी। उन्होंने छात्र से पूछताछ की तो छात्र ने एक अन्य छात्र के पास भी चाकू होने की बात कही। प्रधानाचार्य ने उस छात्र के बैग की तलाशी ली तो उसमें भी तीन चाकू मिले। प्रधानाचार्य ने उनके स्वजन के साथ ही पुलिस को घटना की सूचना दी। पूछताछ में दोनों छात्रों ने चाकू मेले से खरीदकर लाने और शौक के लिए साथ रखने की बात कही। बरामद हुए पंच के बारे में पूछने पर छात्र ने उसे घर में रखा होने की जानकारी दी।
प्रधानाचार्य सौरभ सिंघल का कहना है कि शिक्षिका की सतर्कता से बड़ा हादसा होने से टल गया। दोनों छात्र चाकू से किसी को नुकसान पहुंचा सकते थे, लेकिन इससे पहले ही मामला पकड़ में आ गया। दोनों छात्रों को 15 दिन के लिए निलंबित कर दिया गया है। वहीं एसएसआइ रणपाल सिंह ने बताया कि मामले में प्रधानाचार्य की ओर से कोई तहरीर नहीं दी गई है। दोनों किशोरों और उनके स्वजन को कड़ी चेतावनी दी गई है। किशोरों को छोड़ दिया गया है।
मोबाइल और टीवी जिम्मेदार: डा. तिवारी
राजकीय मेडिकल कालेज पिलखनी में साइकेट्रिस्ट डा. अंशुमान तिवारी ने बताया कि मोबाइल और टीवी पर हिंसात्मक और उत्तेजक कंटेंट देखने की वजह से बच्चों के दिमाग पर गहरा असर पड़ता है। बच्चों का हथियारों के प्रति बढ़ता आकर्षण इसी का नतीजा है। अभिभावकों को बच्चों को हिंसात्मक और उत्तेजक कंटेंट देखने से रोकना चाहिए तथा उन्हें इसके दुष्प्रभावों से अवगत कराना चाहिए। उन पर लगातार नजर भी रखनी चाहिए।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।