Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सहारनपुर में करोड़ों की भूमि पर शत्रु संपत्ति का बोर्ड लगाकर भूला प्रशासन, माफिया कर रहे प्लॉटिंग

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 04:42 PM (IST)

    सहारनपुर में तहसील प्रशासन की लापरवाही के कारण शत्रु संपत्ति पर कब्जा बरकरार है। 2016 में शत्रु संपत्ति कानून लागू होने के बाद भी करोड़ों की जमीन पर अवैध रूप से प्लाटिंग और बिक्री जारी है। प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है जिससे कब्जा धारक लगातार संपत्ति बेच रहे हैं। एडीएम वित्त ने मामले में पैरवी करने का आश्वासन दिया है।

    Hero Image
    करोड़ों की भूमि पर शत्रु संपत्ति का बोर्ड लगाकर भूला प्रशासन, माफिया कर रहे प्लाटिंग।

    जागरण संवाददाता, सहारनपुर। तीन वर्षों से शत्रु संपत्ति घोषित करने के बाद तहसील प्रशासन ने नगर की आबादी से सटी करोड़ों रुपए की इस संपत्ति को कब्जे में लेने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। शत्रु संपत्ति का बोर्ड लगाकर बोर्ड लगाकर कर कर्तव्यों की इति श्री कर दी गई। ठोस कार्रवाई नहीं होने से इस पर कब्जा धारक संपत्ति की लगातार बिक्री कर रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वर्ष 2016 में केंद्र सरकार द्वारा शत्रु संपत्ति कानून लागू करने के बाद तहसील प्रशासन ने टाबर रोड पर नगर की आबादी से सटी हुई बाहर हदूद में खसरा संख्या 479 म,506,1म,485/2/ 1म, 487 म, 502 म, 504 म,505 म, सहित सात खसरा नंबरों की करीब 29 बीघा जमीन को शत्रु संपत्ति घोषित किया था।

    प्रशासन ने इस जमीन की खरीद फरोख्त पर पूर्णतया पाबंदी लागू कर इस पर शत्रु संपत्ति का बोर्ड भी लगाया था, जो वर्तमान में भी लगा हुआ है। खास बात यह है कि शत्रु संपत्ति घोषित होने से पहले कुछ लोगों ने इस कृषि भूमि पर कालोनी के लिए प्लाटिंग शुरु कर इसकी करीब आधी जमीन बेच दी थी।

    शत्रु संपत्ति घोषित होते ही प्लांट खरीददारों में खलबली मच गई थी। लेकिन जिला प्रशासन द्वारा इसे लेकर कईं बार दिशा निर्देश दिए जाने के बाद भी तहसील प्रशासन ने घोषित शत्रु संपत्ति को बचाने के लिए ठोस कार्रवाई नहीं की तथा अभिरक्षक कार्यालय लखनऊ व दिल्ली स्थित संबंधित विभाग में पैरवी नहीं की।

    परिणाम स्वरुप प्लाट्स की क्रय बिक्री होती रही। प्लाट्स बेचने वाले कुछ लोग इस भूमि पर स्थगन आदेश लागू होने के दावे करके भी जमीन बेच रहे हैं। हालांकि चार वर्ष पहले तक जिला प्रशासन से तहसील प्रशासन को संबंधित जमीन को कब्जे में लेने के निर्देश आते रहे हैं।

    लेकिन तहसील प्रशासन जवाब में इस भूमि पर गृह मंत्रालय द्वारा स्थगना आदेश होने की बात कहकर मामले से पल्ला झाड़ता रहा है। तहसील प्रशासन द्वारा पुख्ता पैरवी नहीं करने से करोड़ों रुपए की शत्रु संपत्ति घोषित किए जाने के बाद भी यह संपत्ति प्रशासन की पहुंच से दूर है।

    इस संपत्ति के विषय में अभिरक्षक कार्यालय से यदि कोई आदेश है तो उसका अध्ययन कर पैरवी की जाएगी।

    - सलिल कुमार पटेल, एडीएम वित्त एवं संपत्ति नोडल अधिकारी सहारनपुर।