सहारनपुर में बरसात ने तोड़ा 10 साल का रिकार्ड, यमुना का जलस्तर और बढ़ा तो शामली, बागपत व दिल्ली तक हो सकती है मुश्किल
Saharanpur News सहारनपुर में इस बार बरसात ने 10 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। अगस्त में 664.0 एमएम वर्षा हुई। हथिनी कुंड बैराज पर यमुना का जलस्तर 330000 क्यूसेक तक पहुंच गया जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। यमुना का जलस्तर और बढ़ने पर शामली बागपत और दिल्ली के कई इलाकों तक बाढ़ के हालात हो सकते हैं।

जागरण संवाददाता, सहारनपुर। वर्षाकाल के दौरान जिले में मानसून ने जबरदस्त तेवर दिखाने में कसर नहीं छोड़ रहा है। वर्ष 2025 में जिले में वर्षा ने 10 वर्ष का रिकार्ड ध्वस्त कर दिया है। इस मानसून सीजन में अगस्त माह तक 664.0 एमएम वर्षा दर्ज हो चुकी है और अभी वर्षा जारी रहने का अनुमान मौसम विभाग जता रहा है। उधर, मूसलाधार वर्षा के बाद हथिनी कुंड बैराज पर यमुना का जलस्तर 330000 क्यूसेक के आंकड़े तक पहुंच गया। जलस्तर बढ़ने पर सहारनपुर के बाद शामली, बागपत और दिल्ली के कई क्षेत्रों में बाढ़ के हालात उत्पन्न कर सकता है।
जिले में सर्वाधिक वर्षा अगस्त वर्ष 2015 में हुई थी उस समय वर्षा 761.5 एमएम दर्ज की गई थी। सबसे कम वर्षा 2014 में हुई तथा वर्षाकाल में मात्र 33.0 एमएम दर्ज की गई। इसके अलावा वर्ष 2016 में भी वर्षा कम रही तथा 159.0 तथा वर्ष 2022 में मात्र 149.0 एमएम रिकार्ड की गई थी। बाकी वर्षों में मानसून जिले में करीब करीब सामान्य रहा है लेकिन इसबार बरसात में जिस प्रकार वर्षा रंग दिखा रही है, उससे तमाम रिकार्ड ध्वस्त होने की संभावना से मौसम वैज्ञानिक इंकार नहीं कर रहे है।
वर्षा के कारण महानगर के अनेक क्षेत्रों में पानी भरने से लोग परेशान रहे। महानगर के न्यू नंदपुरी कालोनी, शारदा नगर मुख्य मार्ग, सर्किट हाउस मार्ग, एकता कालोनी, चिलकाना रोड, पुराना कलसिया मार्ग, नदीम कालोनी, सहित अनेक क्षेत्रों में नाले नालियां उफनने से जलभराव हो गया तथा लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। गनीमत यह रही कि वर्षा कभी तेज तो कभी हल्की रही।
वर्षा के दौरान सड़कों में बने गड्ढे बड़ी मुसीबत साबित हो रहे हैं। सड़क पर वर्षा का पानी भरने के कारण गड्ढ़े दिखाई नहीं देने से कचहरी पुल के निकट आइटीसी मार्ग पर दिनभर में कई दोपहिया वाहन पलटे। इससे कई वाहन सवार लोग चोटिल हुए। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक 10 से ज्यादा वाहन गड्ढ़ों की वजह से पलटे हैं। इसके अलावा जैन कालेज मार्ग, शारदा नगर, नवादा रोड, आदि क्षेत्रों में यही स्थिति रही।
मानसूनी सीजन में वर्षवार वर्षा का रिकार्ड
अगस्त.........2012- 583.5
2013- 440.0
2014- 33.0
2015- 761.5
2016- 159.0
2017- 461.0
2018- 536.0
2019- 199.5
2020- 390.5
2021- 155.0
2022- 149.0
2023- 249.5
2024- 243.0
2025- 664.0
नोट: उक्त वर्षों में अगस्त माह तक वर्षा एमएम में
यमुना में आया तीन ल़ाख क्यूसेक से अधिक पानी
जागरण संवाददाता, बेहट (सहारनपुर)। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हुई मूसलाधार वर्षा के बाद हथिनी कुंड बैराज पर यमुना नदी का जलस्तर 330000 क्यूसेक के आंकड़े तक पहुंच गया। शाम चार बजे के बाद से जलस्तर घटना शुरू हो गया था। यमुना का यह जलस्तर दिल्ली तक बाढ़ की स्थिति उत्पन्न करते हुए गंभीर हालत पैदा कर सकता है।
सोमवार को यमुना नदी में इस मौसम का अब तक का सर्वाधिक जलस्तर पहुंचा। इस वर्ष विगत लगभग दो महीने से भी अधिक समय से वर्षा के हालात आम जनजीवन के लिए परेशानी पैदा कर रहे हैं।
यमुना नदी ने जल स्तर के नाम पर इस वर्ष 178996 क्यूसेक का आंकड़े छुआ था। इस बीच उत्तराखंड और हिमाचल में कई जगह बादल फटे और भारी वर्षा भी हुई, लेकिन इन पड़ोसी प्रदेशों में यमुना नदी के जल स्रोत उस भयंकर जलस्तर से बचे रहे। रविवार की आधी रात के बाद से यमुना नदी ने तेवर दिखाने शुरू कर दिए थे सुबह तक यमुना नदी की धार ऊंचाई छूने लगी। सुबह 9 बजे तक यमुना का जलस्तर 329313 क्यूसेक तक पहुंच गया था। इसके बाद फिर जलस्तर घटना शुरू हुआ। बैराज पर जलस्तर सोमवार शाम 5:00 बजे 292365 क्यूसेक तक कम हो गया था। बढ़ने पर यह जलस्तर सहारनपुर के बाद शामली, बागपत जनपदों और दिल्ली तक बाढ़ के हालात उत्पन्न कर देगा।
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