'आपके थाने से दारोगा बोल रहा हूं, मेरे खाते में रुपये डाल दो', फोन पर ऐसा कहकर ठगी करने वाला सहारनपुर में गिरफ्तार
Saharanpur News सहारनपुर पुलिस ने एक ऐसे ठग को गिरफ्तार किया है जो खुद को दारोगा बताकर लोगों से पैसे ठगता था। आरोपित मथुरा का रहने वाला है। वह वेबसाइट से ग्राम प्रधानों और पार्षदों के नंबर निकालकर उन्हें फोन करता था और रुपयों की मांग करता था। पुलिस ने उसके पास से कई मोबाइल और सिम कार्ड बरामद किए हैं।

जागरण संवाददाता, सहारनपुर। आपके थाने से दारोगा बोल रहा हूं। मेरे खाते में रुपये डाल दो। कुछ देर में सिपाही को भेजकर आपके रुपये वापस कर दूंगा। कुछ इसी तरह की बातों में फंसाकर लोगों से ठगी कर रहे एक आरोपित को सोमवार को कोतवाली देहात पुलिस ने दबोच लिया। आरोपित की पहचान मथुरा के थाना गोवर्धन क्षेत्र के गांव देवशेरस निवासी साहुन पुत्र भुल्लू के रूप में हुई। उसके पास से तीन एंड्राएड मोबाइल और पांच सिम बरामद हुए हैं।
कोतवाली देहात में दी तहरीर में बीती नौ अगस्त को बेहट रोड स्थित चौधरी विहार निवासी जावेद पुत्र जब्बार हसन ने बताया था कि उसके मोबाइल पर काल करके अज्ञात व्यक्ति ने खुद को दारोगा बताते हुए उससे खाते में 15 हजार रुपये डालने की मांग की थी।
कोतवाली देहात थाना प्रभारी कपिल देव ने बताया कि साइबर व सर्विलांस की टीम ने उक्त मोबाइल नंबर की जांच की तो साहुन पुत्र भुल्लू निवासी ग्राम दौशेरस/देवशेरस थाना गोवर्धन जनपद मथुरा का नाम प्रकाश में आया। सोमवार को सर्विलांस टीम की मदद से थाना कोतवाली देहात पुलिस साहुन को बेहट रोड पर कोड़ियों की पुलिया के पास से गिरफ्तार कर लिया।
तलाशी में उसके पास से तीन मोबाइल फोन व पांच सिम कार्ड बरामद हुए। थाना प्रभारी कपिल देव ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर आरोपित को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। आरोपित ने अब तक कितने ग्राम प्रधानों और पार्षदों से ठगी की है, इस बारे में जांच की जा रही है।
चुनाव आयोग की वेबसाइट से उठाता था प्रधानों और पार्षदों के नंबर
पुलिस पूछताछ में आरोपित साहुन ने बताया कि वह राज्य चुनाव आयोग की बेवसाइट से ग्राम प्रधानों व पार्षदों के मोबाइल नंबर हासिल कर लेता था। इसके बाद ग्राम प्रधान और पार्षद को अपने मोबाइल से काल करता था तथा कोई न कोई समस्य़ा बताकर कहता था कि मैं आपके थाने से दारोगा बोल रहा हूं, मेरे खाते में कुछ रुपये डाल दो। साथ ही कुछ देर बाद सिपाही को भेजकर रुपये वापस करने की बात भी कहता था।
विश्वास में लेकर ग्राम प्रधानों और पार्षदों से अपने खाते में रुपये डलवा लेता था। इसके बाद वह अपना मोबाइल नंबर बंद कर लेता था। बीती सात अगस्त को उसने कई पार्षदों के मोबाइल फोन पर काल कर रुपयों की मांग की थी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।