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    Saharanpur News : आबकारी निरीक्षक 25 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार, एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई

    Updated: Wed, 02 Jul 2025 04:44 PM (IST)

    सहारनपुर में एंटी करप्शन टीम ने आबकारी निरीक्षक शैलेंद्र को 25 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में जिले के नागल क्षेत्र निवासी सुशील कुमार ने शिकायत की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि निरीक्षक शैलेंद्र जमानत राशि वापस कराने के नाम पर रिश्वत मांग रहे थे। टीम ने जिला आबकारी कार्यालय में शैलेंद्र को रंगे हाथ पकड़ लिया। वह कानपुर देहात के रहने वाले हैं।

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    रिश्वत लेने के आरोपित आबकारी निरीक्षक शैलेंद्र। सौ. एंटी करप्शन टीम

    जागरण संवाददाता, सहारनपुर : एंटी करप्शन टीम ने 25 हजार रुपये रिश्वत लेते आबकारी निरीक्षक शैलेंद्र को रंगे हाथ दबोच लिया। एंटी करप्शन टीम आबकारी निरीक्षक को पकड़कर जनकपुरी थाने ले गई। थाने में आबकारी निरीक्षक से पूछताछ की जा रही है।

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    नागल थाना क्षेत्र के गांव रणमलपुर निवासी सुशील कुमार पुत्र कंवल सिंह ने आबकारी विभाग में शराब ठेका लेने के लिए 45 हजार रुपये जमानत राशि जमा की थी। लाटरी में ठेका आवंटित न होने पर सुशील ने जमानत राशि वापसी के लिए प्रार्थना पत्र दिया।

    आबकारी विभाग में निरीक्षक शैलेंद्र सिंह ने जमानत राशि वापस कराने के एवज में सुशील कुमार से 25 हजार रुपये रिश्वत मांगी। सुशील ने मामले की शिकायत एंटी करप्शन टीम से की। टीम ने ट्रैप के जरिये जिला आबकारी कार्यालय में 25 हजार रुपये रिश्वत लेते आबकारी निरीक्षक शैलेंद्र को रंगे हाथ पकड़ लिया और जनकपुरी थाने ले गई। एंटी करप्शन टीम प्रभारी जसपाल सिंह की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया है।

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    कानपुर देहात के रहने वाले हैं शैलेंद्र

    आबकारी निरीक्षक सैक्टर 1 शैलेंद्र कुमार पुत्र राम स्वरूप वर्तमान में दिल्ली रोड स्थित पैरामाउंट कालोनी में रह रहे थे। वह मूल रूप से कानपुर देहात के थाना भोगनीपुर के गांव असुआपुर के निवासी है। शैलेंद्र 15 दिसंबर 2016 को आबकारी विभाग में भर्ती हुए थे।

    ...और भी कई रडार पर

    पिछले दिनों शराब के एक ठेकेदार को आवंटित दो दुकानों से पकड़ा गया पुराना स्टाक छोड़ने के एवज में मोटे लेन-देन की चर्चाएं विभागीय गलियारों में तैर रही थीं। बुधवार को आबकारी निरीक्षक के रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद एक बार फिर यह शराब ठेकेदारों और विभागीय कर्मियों की जुबान पर आ गई। इतना ही नहीं कुछ शराब ठेकेदारों को दुकान का क्षेत्रफल कम होने पर गोदाम बनाने की अनुमति देने के नाम पर भी वसूली की बात सामने आई है। सूत्रों की माने तो अभी और कई रडार पर हैं, जिनकी कलई कभी भी खुल सकती है।