दुष्कर्म पीड़ित छात्रा की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार युवक को 10 साल का कारावास, एक लाख का जुर्माना
दुष्कर्म पीड़ित छात्रा की आत्महत्या के लिए युवक को दोषी मानते हुए न्यायालय ने 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है। एक लाख रुपये का जुर्माना भी डाला है। घटना केमरी थाना क्षेत्र की है। यहां के एक गांव निवासी व्यक्ति ने 12 अगस्त 2024 को केमरी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

जागरण संवाददाता, रामपुर। दुष्कर्म पीड़ित छात्रा की आत्महत्या के लिए युवक को दोषी मानते हुए न्यायालय ने 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है। एक लाख रुपये का जुर्माना भी डाला है। घटना केमरी थाना क्षेत्र की है। यहां के एक गांव निवासी व्यक्ति ने 12 अगस्त 2024 को केमरी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें कहा था कि उनकी बेटी पास के गांव के एक स्कूल में कक्षा आठ में पढ़ती थी।
स्कूल जाते समय एक युवक रास्ते में छेड़खानी करता था। बेटी द्वारा जानकारी देने पर इसकी शिकायत युवक के स्वजन से की, लेकिन युवक अपनी हरकतों से नहीं माना। डर के कारण बेटी ने स्कूल जाना छोड़ दिया। 14 फरवरी 2024 को बेटी घर पर अकेली थी। तब युवक घर में घुस आया और उसे बलपूर्वक अपने घर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। उसकी अश्लील वीडियो भी बना ली।
इसके बाद युवक वीडियो प्रसारित करने की धमकी देकर बेटी को ब्लैकमेल करने लगा। उसकी धमकियों से तंग आकर बेटी ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने प्राथमिकी में खड़क सिंह उर्फ अर्जुन निवासी ग्राम स्वार खुर्द को नामजद करते हुए गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उसके खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया था।
बचाव पक्ष ने उसे निर्दोष बताया, जबकि अभियोजन ने घटना के समर्थन में गवाह और साक्ष्य पेश किए। विशेष लोक अभियोजक सुमित शर्मा का कहना था कि गवाहों और साक्ष्यों ने घटना को साबित किया है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट रामगोपाल सिंह ने युवक को दोषी मानते हुए 10 साल के कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
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