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आजम ने दी योगी सरकार के दबाव में रामपुर से बगावत शुरू होने की चेतावनी

सपा के कद्दावर नेता आज़म खान ने योगी सरकार के जनता पर बढ़ते दबाव को लेकर रामपुर से जन बगावत की चेतावनी दी।

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 30 Mar 2017 05:00 PM (IST)Updated: Thu, 30 Mar 2017 11:30 PM (IST)
आजम ने दी योगी सरकार के दबाव में रामपुर से बगावत शुरू होने की चेतावनी
आजम ने दी योगी सरकार के दबाव में रामपुर से बगावत शुरू होने की चेतावनी

रामपुर (जेएनएन)। सपा के कद्दावर नेता आज़म खान ने योगी सरकार के जनता पर बढ़ते दबाव को लेकर जन बगावत की चेतावनी दी। उन्होंने पुलिस प्रशासन पर लोगों के उत्पीड़न करने का आरोप लगाया और कहा जानवरों और बिजली के नाम पर लोगों के घरों में घुसकर उत्पीडन किया जा रहा है। हद हो गई है। प्रशासन इतना दबाव न बनाए कि रामपुर से ही बगावत शुरू हो जाए। 

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क्या अब योगी की मंशा नमाज पढ़ने की

आजम खां ने योगी आदित्यनाथ के सूर्य नमस्कार और नमाज की क्रियाओं को एक जैसा बताने पर तीखी प्रतिक्रिया दी। बोले, हमारी समझ में नहीं आ रहा, उनकी क्या मंशा है। अगर हम कहें क्या अब योगी जी नमाज पढ़ेंगे, तो जाने क्या हो जाएगा। अगर यह बात हमने कही होती तो हमें हथकड़ी लग जाती। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह जो कह रहे हैं, वह ठीक होगा। अगर वे नमाज भी पढ़ेंगे तो उन्हें कोई नहीं रोक सकता। हमारे और आपके सुनने में भी फर्क हो सकता है, क्योंकि इन बातों पर यकीन नहीं हो रहा। हमने जो कुछ उनके बारे में जाना और समझा है, वह बहुत डरा देने वाला है। अब जब लोकतंत्र में लोग भयभीत हो जाएंगे, तो समझ लो लोकतंत्र का क्या हाल है। राष्ट्रपति पद के लिए चल रहे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के नाम के सवाल पर बोले कि राष्ट्रपति वह होगा, जिसकी संख्या ज्यादा होगी। कोई भी हो सकते हैं, इन सारी चीजों का लोकतंत्र के नाम पर फासिस्ट लोग फायदा उठाएंगे। 

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शेर को जीना तो गोश्त छोडऩा 

अवैध पशु कटान के मामले पर भी आजम का दर्द छलक ही गया। कहा कि अगर मुसलमान सब्जी खा रहा है, तो इससे उसका मजहब नहीं जा रहा। शेर घास भी खाएगा। अगर उसको जीना होगा तो उसे गोश्त छोडऩा होगा। अब गोश्त न मिलने से उनकी मौतें हो रही हैं, तो इसका जिम्मेदार उनका मुकद्दर है। उनसे पूछा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वंदे मातरम जरूरी नहीं तो आजम खां ने कहा कि क्या कह सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चुनाव में धर्म और मजहब के नाम पर वोट न मांगा जाएं, लेकिन वह सब कुछ हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वही ईवीएम इस्तेमाल की जाए, जिससे रसीद निकलती हो, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 

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रामपुर में डटे आजम

चुनाव बाद सपा के कद्दावर नेता आजम खां रामपुर में ही डटे हैं। वह शपथ लेने लखनऊ भी नहीं गए। उनके बेटे अब्दुल्ला आजम और करीबी नसीर खां ने भी अभी तक शपथ नहीं ली है। रामपुर की पांच विधानसभा सीटों में तीन पर सपा व दो पर भाजपा जीती है। भाजपा के दोनों विधायक शपथ ले चुके हैं परंतु नवीं बार विधायक चुने गए आजम नहीं पहुंचे। स्वार टांडा क्षेत्र से पहली बार विधायक बने उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम खां और चमरौआ विधानसभा सीट से पहली बार चुने गए उनके मित्र नसीर खां भी शपथग्रहण में शामिल नहीं हुए।

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ज्यादातर मामलों में चुप्पी

आजम इससे पहले विधायकों व एमएलसी की बैठक में भी शामिल नहीं हुए और रामपुर में ही रहे। कल उनके करीबी रहे उत्तर प्रदेश वक्फ न्यायाधिकरण के सदस्य अधिवक्ता सरबत अली खां का निधन हो गया। वह उनके जनाजे की नमाज में शामिल हुए और कहा कि वह तीन दिन शोक मनाएंगे और किसी राजनीतिक कार्यक्रम या शादी समारोह में शामिल नहीं होंगे। शपथ ग्रहण में क्यों नहीं पहुंचे, इसके जवाब में कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया।

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