'आजम खां पर राजनीतिक द्वेष से कार्रवाई', स्वामी प्रसाद मौर्य बोले- सरकार बनने पर भुगतना होगा परिणाम
रामपुर में स्वामी प्रसाद मौर्य ने आजम खां से मिलकर कहा कि उन पर राजनीतिक द्वेष से कार्रवाई हुई है। सरकार बनने पर इसका परिणाम भुगतना होगा। उन्होंने भाजपा पर हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करने और मुसलमानों को टारगेट करने का आरोप लगाया। मौर्य ने सरकार को बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों पर भी घेरा और 2027 का चुनाव 'यूपी बचाओ भाजपा हटाओ' के नाम पर लड़ने की बात कही।

जागरण संवाददाता, रामपुर। राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने शनिवार को आजम खां से उनके आवास पर मुलाकात की। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि आज़म खां पर राजनीतिक विद्वेष की भावना से कार्रवाई की गई है। सरकार बनने पर उनको इसका परिणाम भुगतना होगा।
कहा, सरकार में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। बेरोजगारी चरम सीमा पर है। प्राइमरी स्कूल बंद करने का फैसला सरकार का बहुत निंदनीय है। बरेली बवाल पर बोले- भाजपा की ये सोंची-समझी साजिश के तहत कराया गया है। कहा, भाजपा हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करती है। लगातार मुसलमान को टारगेट किया जा रहा है, मस्जिदें बुलडोजर से ध्वस्त की जा रही हैं।
पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य शनिवार को डेढ़ बजे रामपुर में जेल रोड से सटे क्षेत्र में आजम खां के मकान पर पहुंचे। गली के बाहर उन्हें पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम रिसीव कर अंदर ले गए, जहां उन्होंने करीब पौने तीन बजे तक आजम से मुलाकात की। उसके बाद बाहर आने पर उन्होंने मीडिया से बात भी की। अपनी मुलाकात को औपचारिक बताते हुए कहा कि आजम खां 10 बार के विधायक व चार बार मंत्री व नेता प्रतिपक्ष भी रहे हैं। लोकसभा व राज्यसभा के भी सदस्य रहे हैं।
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प्रदेश व देश में उनका बड़ा नाम है। उन्होंने बेदाग राजनीति की है। उन पर भैंस, बकरी चोरी जैसे आरोपों में कार्रवाई लोकतंत्र पर बदनुमा दाग है। दुर्भावना से कार्रवाई कराकर उन्हें लंबे समय तक जेल में रखा। अब जमानत पर बाहर आएं हैं। भाजपा की इस दुर्भावना पूर्ण कार्रवाई की जितनी निंदा की जाए, कम है। वहीं अक्षम्य भी बताया। स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा कि यह कार्रवाई तानाशाही रवैये का प्रतीक है। सरकार के भेदभाव पूर्ण रवैये को दर्शाता है।
इतना अन्याय, अत्याचार आपातकाल में भी नहीं हुआ। राजनीति में स्वाभाविक रूप से विचारों की लड़ाई होती है। आजम खां को वरिष्ठतम नेता बताते हुए कहा कि उन्होंने ईमानदारी से राजनीति में लंबा समय गुजारा है। ऐसे नेता पर की गई कार्रवाई निंदनीय है। भाजपा सरकार ने इस तरह की कार्रवाई कर जो राजनैतिक द्वेष भावना की कार्रवाई का बीज बोया है।
उसका भारतीय लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है। इसका शिकार कभी भेदभाव करने वालों को भी होना पड़ सकता है। बरेली बवाल के लिए भी सरकार का हाथ बताते हुए कहा कि हिंदू-मुस्लिम व मंदिर-मस्जिद की राजनीति भाजपा सोची-समझी साजिश के तहत कर रही है। जिसकी जितनी निंदा की जाए, कम है।
मीडिया के सवालों पर आगे कहा कि 2027 का चुनाव यूपी बचाओ भाजपा हटाओ के नाम पर होगा। लोगों ने भूल से या चूक से भाजपा को वोट दिया, जिसका खामियाजा आज पूरे देश को उठाना पड़ रहा है। कहीं मदरसे बंद किए जा रहे हैं तो कहीं बुलडोजर से मस्जिदें व मजार तोड़े जा रहे हैं। मुख्यमंत्री रटे हुए तोते की तरह जीरो टालरेंस की बात करते हैं, जबकि सच्चाई ये है कि पूरे देश में उत्तर प्रदेश में अपराध सबसे ज्यादा बढ़े हैं। भाजपा ने इस देश के करोड़ों नौजवानों को बेरोजगार बनाया।
गरीबी बढ़ी है और महंगाई चरम पर है। किसानों की एक ही मांग है कि उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाए, वह भी आज तक नहीं किया। यहां तक कि जिस स्कूलों में गरीब बच्चे पढ़ते हैं, ऐसे 27764 स्कूल बंदी के कगार पर थे। अपनी ही पार्टी ने कड़ा विरोध किया तो योगी सरकार बैकफुट पर आई और स्कूल बंद न करने का वादा किया। बावजूद इसके कई स्कूलों को बंद कर दिया गया।
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