जज का फैसला सुनते ही बेचैन हो उठे हत्यारे, ससुराल गए युवक की पत्नी और सालों ने की थी हत्या
स्वार कोतवाली क्षेत्र में हुई एक युवक की गला दबाकर हत्या के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मृतक की पत्नी और दो सालों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। यह घटना करीब तीन साल पहले हुई थी। पत्नी और ससुरालियों ने मिलकर युवक की हत्या कर दी थी।

जागरण संवाददाता, रामपुर। युवक की गला दबाकर हत्या के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मृतक की पत्नी और दो सालों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 60 हजार रुपये का जुर्माना भी डाला है। हत्या की वारदात करीब तीन साल पहले स्वार कोतवाली क्षेत्र में हुई थी।
यह है पूरा मामला
टांडा थाने के सूरतसिंहपुर उर्फ नया गांव निवासी तेजराम ने 14 अगस्त 2022 को स्वार कोतवाली में बेटे राजाराम की हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उनके बेटे की ससुराल स्वार के मधुपुरी गांव की थी।
घटना से 12 साल पहले उनके बेटे की शादी मधुपुरी गांव की जगवती के साथ हुई थी। बेटे का पत्नी से विवाद रहता था, जिसके कारण ससुराल वाले उससे रंजिश रखते थे। पत्नी बेटे के साथ नहीं रहना चाहती थी। अक्सर मायके चली जाती थी।
घटना से तीन माह पहले भी वह मायके चली गई थी। 12 अगस्त 2022 को बेटा पत्नी को बुलाने ससुराल गया था। 13 अगस्त की रात में पत्नी और ससुरालियों ने बेटे की गला दबाकर हत्या कर दी।
अगले दिन हमें जानकारी होने पर वहां गए तो बेटे की लाश पड़ी थी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया, जिसमें गला दबाकर मृत्यु होने की पुष्टि हुई थी। पुलिस ने मृतक के पिता की ओर से उसकी पत्नी समेत ससुर टेकचंद, सास जमुना देवी, साला अशोक और राजकुमार को नामजद किया था।
पुलिस ने निकाल दिए थे सास-ससुर के नाम
हालांकि, विवेचना के दौरान पुलिस ने सास-ससुर के नाम निकाल दिए थे। बाकी तीनों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था। मुकदमे की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता का कहना था कि तीनों को झूठा फंसाया है।
अभियोजन की ओर से घटना के समर्थन में 11 गवाह और कई साक्ष्य प्रस्तुत किए। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रताप सिंह मौर्य का कहना था कि गवाहों और साक्ष्यों ने घटना को साबित किया है।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम कैलाश कुमार ने युवक की हत्या में उसकी पत्नी जगवती और दोनों सालों अशोक व राज कुमार को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास व 20-20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
घटना की प्राथमिकी दर्ज करने के बाद ही पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया था। तब से तीनों जेल में निरुद्ध हैं। सजा सुनाए जाने के दौरान तीनों को न्यायिक अभिरक्षा में न्यायालय में पेश किया गया। सजा सुनकर तीनों बेचैन हो गए। तीनों को वापस जेल भेज दिया गया।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।