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    10 अंकों का डिजिपिन: जो खत्म कर देगा पता लिखने की झंझट, जानें क्या है और कैसे करें जनरेट

    Updated: Wed, 19 Nov 2025 06:02 PM (IST)

    भारतीय डाक ने 10 अंकों का डिजिपिन (DigiPIN) सिस्टम लॉन्च किया है। यह पारंपरिक PIN कोड की जगह लेगा और 4x4 मीटर ग्रिड में सटीक लाइव लोकेशन देता है। DigiPIN से पता गलत होने पर भी डाक सीधे गंतव्य तक पहुंचेगी। इसे IIT, NRSC और ISRO ने विकसित किया है।

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    रामपुर डाकघर

    राधेश्याम, जागरण, रामपुर। चिट्ठी-कूरियर समेत अन्य आवश्यक सेवाओं को सही पते पर पहुंचाने के लिए डाक विभाग ने अत्याधुनिक डिजिपिन (डिजिटल पोस्टल इंडेक्स नंबर) सुविधा शुरू की है। इस नंबर को जनरेट कर चस्पा करने के बाद डाक सीधे उसी पते पर पहुंचेगी। इसके लिए डाक पर कोई नाम अथवा पते की जरूरत नहीं होगी।

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    भारतीय डाक ने पारंपरिक पिन कोड की जगह 10 अंकों का डिजिपिन सिस्टम पेश किया है। जो घरों तक डाक पहुंचाने में सटीकता लाएगा। जिससे पता गलत होने पर भी डिलीवरी सही जगह तक पहुंच जाएगी और डाकिए की मनमानी पर भी रोक लगेगी। इस प्रणाली का लक्ष्य अंतिम-मील डिलीवरी, आपातकालीन सेवाओं और अन्य सेवाओं में सुधार करना है। डाक विभाग अपने ग्राहकों को अधिक से अधिक संख्या में जोड़ने के लिए नित्य नई और आधुनिक सेवाओं को ला रहा है।

    पूरे सिस्टम को बैंकिंग की तर्ज पर विकसित किए जाने के साथ ही चिट्ठी और कूरियर भेजने के लिए भी अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। पिनकोड के जरिये भेजे जाने वाली डाक को अब और अपडेट करते हुए इसे लाइव लोकेशन के आधार पर डिजिपिन के रूप में विकसित किया गया है। घर हो या दफ्तर 10 अंकों के इस कोड के आधार पर लाइव लोकेशन पर भेजा जा सकेगा। इस कोड में ग्राहक को किसी पते की जरूरत नहीं होगी।

    डिजिपिन से समस्याएं होंगी दूर

    पिन कोड के आधार पर ग्राहकों के मकानों तक पहुंचने में कई बार सही पता न होने पर डाकियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। डाक भी कई बार गंतव्य तक नहीं पहुंच पाती और उन्हें वापस करना पड़ता है। ये सारी समस्याएं डिजिपिन से दूर होंगी। पता गलत होने पर भी डिजिपिन से डाक सही जगह पर पहुंच जाएगी। इसके साथ ही इसमें डाकिए की भी मनमानी पर रोक लगेगी।

    डिजिपिन को डाक विभाग की वेबसाइट से कोई भी व्यक्ति जनरेट कर सकता है। इसे क्यूआर कोड के रूप में शेयर किया जा सकेगा। क्यूआर कोड को स्कैन करने पर सटीक पते तक पहुंचा जा सकेगा। डाक विभाग अपने डाकियों के लिए एक विशेष एप भी लॉन्च करेगा। यह एप सीधे डिजिपिन को स्कैन कर सकेगा।

    क्या है डिजिपिन

    यह पिन इतना सटीक होता है कि बिल्कुल लाइव लोकेशन की तरह कार्य करता है। यह आपकी लोकेशन के आधार पर डिजिटल पिन कोड तैयार करता है। यह कोड एक 4 मीटर × 4 मीटर ग्रिड में किसी भी स्थान को दर्शाता है चाहे वह घर हो, दफ्तर हो या कोई संस्था। इसका उपयोग डाक भेजने के अलावा आपातकालीन सेवाओं जैसे पुलिस, एंबुलेंस या फायर ब्रिगेड को बुलाने के लिए भी किया जा सकता है। जिले के सभी ब्लाक के कई गांवों में आज भी लोगों के घरों पर डोर नंबर या पक्का पता नहीं होता है। ऐसे में डिजिपिन की मदद से सिर्फ नाम और घर नंबर देने पर भी आसानी से चीजें पहुंचाई जा सकेंगी।

    ऐसे जनरेट करें डिजिपिन

    डिजिपिन तैयार करने के लिए आपको https://dac.india- post.gov.in/mydigipin/ home पर लोकेशन देना होगा। इसके बाद आपके स्थान के आधार पर 10 अंकों को एक कोड तैयार होगा, जो कि डिजिपिन होगा। संबंधित सेवाओं के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं।

    डिजिपिन कैसे काम करता है

    • अक्षांश और देशांतर से कोड जनरेट करना: डिजिपिन का आधार भौगोलिक स्थान है। सिस्टम किसी स्थान के सटीक अक्षांश और देशांतर का उपयोग करके, 10-अंकीय अल्फ़ान्यूमेरिक कोड बनाता है।
    • जियो-कोडेड ग्रिड: पूरे भारत को छोटे-छोटे 4 मीटर x 4 मीटर के ग्रिड में विभाजित किया गया है, और प्रत्येक ग्रिड को एक अद्वितीय डिजिपिन दिया गया है।
    • सटीक लोकेशन: डिजिपिन का उपयोग करने से, कुरियर और आपातकालीन सेवाएं सीधे सही स्थान पर पहुंच सकती हैं, क्योंकि यह पारंपरिक पते की तुलना में बहुत अधिक सटीक है।
    • आफलाइन उपयोग: एक बार डिजिपिन जेनरेट हो जाने के बाद, इसे बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी साझा और उपयोग किया जा सकता है।
    • सुरक्षित और गोपनीय: डिजिपिन में कोई व्यक्तिगत डेटा संग्रहीत नहीं होता है, इसलिए यह सुरक्षित और गोपनीयता के लिए जोखिम रहित है।

     

    10 अंकों के इस कोड को विभागीय साइट पर जाकर जनरेट किया जा सकता है। इस कोड के जरिये भेजी गई डाक सीधे लाइव लोकेशन पर पहुंचेगी। इसमें किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका नहीं रहती। इस डिजिटल पिन सिस्टम को आईआईटी हैदराबाद, एनआरएससी और इसरो के सहयोग से विकसित किया गया है। इसका मकसद देश में हर लोकेशन को एक सटीक डिजिटल पहचान देना है।

    - भूपेंद्र सिंह, पोस्ट मास्ट, मुख्य डाकघर रामपुर


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