Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    11 साल से अनोखी सेवा कर रहे दीपक, 1500 लोगों की अंधेरी जिंदगी में किया उजाला

    Updated: Fri, 03 Oct 2025 05:06 AM (IST)

    रामपुर के दीपक खंडेलवाल पिछले 11 सालों से जरूरतमंदों को मुफ्त ऑक्सीजन सिलेंडर प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने यह सेवा अपने पिता की बीमारी के दौरान ऑक्सीजन की कमी से हुई परेशानी के बाद शुरू की। उनके पास तीन दर्जन सिलेंडर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर हैं जिससे अब तक 1500 से अधिक लोगों को मदद मिली है। कोरोना काल में भी उन्होंने कई लोगों की सहायता की।

    Hero Image
    ऑक्सीजन सिलेंडर मुफ्त देकर मरीजों की अंधेरी जिंदगी में उजाला कर रहे दीपक

    जागरण संवाददाता, रामपुर। कोरोना काल में लोगों को आक्सीजन सिलेंडर की अहमियत का अहसास हुआ था। कई लोग एवं स्वयं सेवी संस्थाएं आक्सीजन सिलेंडर मुफ्त बांटने लगी। हालांकि अब कोरोना से राहत है तो यह सेवा बंद हो गई है, लेकिन सिविल लाइंस क्षेत्र निवासी दीपक खंडेलवाल पिछले 11 सालों से इस अनोखी सेवा को कर रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दरअसल, वह आक्सीजन की कमी से होने वाली दिक्कत को बहुत पहले भांप चुके थे। इसी कारण से वह जरूरतमंदों के लिए मुफ्त आक्सीजन सिलेंडर की सेवा को लगातार जारी रखे हुए हैं। उनका यह प्रयास असहाय मरीजों की जिंदगी में उजाला भर रहा है।

    ऐसे मरीज जो लगातार बिस्तर पर रहते हैं और उन्हें आक्सीजन लगानी पड़ती है तो वे पुराने रोडवेज पर स्थित उनके आवास पर पहुंच जाते हैं। यहां बने गोदाम में उन्होंने करीब तीन दर्जन सिलेंडर रखे हैं। इसके साथ ही तीन आक्सीजन कन्सेन्ट्रेटर की भी व्यवस्था की है। वह बताते हैं कि पहले उनके पास सिर्फ आक्सीजन सिलेंडर थे। एक छोटा छह किलो का गैस सिलेंडर 12 घंटे काम करता है। इसके बाद सिलेंडर में दोबारा गैस भरनी पड़ती है।

    बाद में एक आक्सीजन कन्सेन्ट्रेटर भी खरीदा। कोरोना काल में लोग आक्सीजन के लिए बहुत परेशान हुए। तब दो आक्सीजन कन्सेन्ट्रेटर की और व्यवस्था की। यदि ऐसे मरीज, जिन्हें लगातार आक्सीजन की जरूरत पड़ती है तो उनके लिए सिलेंडर के साथ आक्सीजन कन्सेन्ट्रेटर भी देते हैं। इसे सिलेंडर के साथ लगाने से निरंतर गैस बनती रहती है और सिलेंडर कभी खाली नहीं होता है।

    पिता की बीमारी के बाद पता चली आक्सीजन सिलेंडर की अहमियत

    दीपक खंडेलवाल बताते हैं कि उनके पिता निरंजन लाल खंडेलवाल सांस के मरीज थे। एक बार उनकी बहुत ज्यादा तबीयत बिगड़ गई। सांस लेने में दिक्कत होने लगी। उनके लिए आक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ी थी। तब कई अस्पतालों के चक्कर लगाए।

    बहुत प्रयास के बाद एक अस्पताल में सिलेंडर मिल सका। उसके बाद आक्सीजन सिलेंडर की अहमियत पता चली। पिता के देहांत के बाद हमने आक्सीजन सिलेंडर की मुफ्त सेवा शुरू की, ताकि किसी और को परेशान न होना पड़े। वर्ष 2014 से यह सेवा निरंतर चल रही है। अब तक करीब 1500 लोग इसका लाभ ले चुके हैं।