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    शत्रु संपत्ति मामला: आजम खां की पत्नी-बहन और बड़े बेटे को राहत, स्थायी जमानत अर्जी मंजूर

    रामपुर में शत्रु संपत्ति खुर्द-बुर्द मामले में सपा नेता आजम खां की पत्नी तजीन फातमा बेटे अदीब और बहन निगहत अखलाक की स्थायी जमानत मंजूर हो गई। तीनों 19 फरवरी से अंतरिम जमानत पर थे। यह संपत्ति जौहर यूनिवर्सिटी के पास थी जिसे फर्जीवाड़े से राजस्व रिकार्ड में बदला गया था। मुकदमा 2020 में दर्ज हुआ था। एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में सुनवाई के बाद जमानत अर्जी मंजूर हुई।

    By Jagran News Edited By: Aysha Sheikh Updated: Thu, 20 Mar 2025 04:21 PM (IST)
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    आजम खां और पत्नी तजीन फातमा - फाइल फोटो।

    जागरण संवाददाता, रामपुर। शत्रु संपत्ति से संबंधित अभिलेख खुर्द बुर्द मामले में आरोपित बनाए गए सपा नेता आजम खां की पत्नी पूर्व सांसद डा. तजीन फातमा, बड़े बेटे अदीब और बहन निगहत अखलाक की स्थायी जमानत अर्जी मंजूर हो गई है। इस दौरान तीनों न्यायालय में पेश हुए। तीनों 19 फरवरी से अंतरिम जमानत पर थे।

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    यह मुकदमा रिकार्ड रूम के सहायक अभिलेखपाल मोहम्मद फरीद की ओर से सिविल लाइंस थाने में नौ मई 2020 को लखनऊ के पीरपुर हाउस निवासी सैयद आफाक अहमद व अज्ञात के विरुद्ध दर्ज कराया गया था। इसमें शत्रु संपत्ति को खुर्द बुर्द करने का आरोप है।

    जौहर यूनिवर्सिटी के आसपास थी शत्रु संपत्ति 

    यह शत्रु संपत्ति आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी के आसपास थी, जो इमामुद्दीन कुरैशी पुत्र बदरुद्दीन कुरैशी के नाम दर्ज थी। इमामुद्दीन कुरैशी विभाजन के समय देश छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे। वर्ष 2006 में यह संपत्ति शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज कर ली गई थी।

    भूमि के रिकार्ड की जांच करने पर पता चला था कि राजस्व विभाग के रिकार्ड में फर्जीवाड़ा कर शत्रु संपत्ति को खुर्द बुर्द करने के लिए आफाक अहमद का नाम गलत तरीके से राजस्व रिकार्ड में अंकित कर दिया था। रिकार्ड के पन्ने फटे हुए पाए गए थे। इसमें आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला समेत जौहर ट्रस्ट के अन्य सदस्य आरोपित बनाए गए।

    18 फरवरी को मंजूर हुई अब्दुल्ला की जमानत अर्जी

    ट्रस्ट में ज्यादातर लोग आजम खां के परिवार के हैं। इसमें अब्दुल्ला की जमानत अर्जी 18 फरवरी को मंजूर हुई थी, जबकि अगले दिन डा. तजीन फात्मा, अदीब आजम और निगहत अखलाक की अंतरिम जमानत अर्जी मंजूर हुई थी। तब से तीनों अंतरिम जमानत पर थे। तीनों ने अधिवक्ता विनोद शर्मा के माध्यम से स्थायी जमानत के लिए अर्जी लगाई थी।

    अधिवक्ताओं की हड़ताल के कारण अर्जी पर सुनवाई नहीं हो पा रही थी। बुधवार को हड़ताल खत्म करने का ऐलान हो गया, जिस पर गुरुवार को अधिवक्ता काम पर लौट आए। एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) अर्जी पर सुनवाई हुई। अधिवक्ता विनोद शर्मा ने बताया कि तीनों की स्थायी जमानत अर्जी मंजूर हो गई है।

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