दस हजार से ज्यादा मॉस्क बनवाकर निश्शुल्क बांट चुके डॉ. शादाब
कोरोना बीमारी के इलाज की अभी तक वैक्सीन नहीं बनी है।
जागरण संवाददाता, रामपुर : कोरोना बीमारी के इलाज की अभी तक वैक्सीन नहीं बनी है। बचाव ही इलाज है। इसके लिए सबसे ज्यादा जोर मॉस्क पर दिया जा रहा है। मॉस्क की अहमियत समझते हुए ट्रेनिग इंस्टीट्यूट चलाने वाले डॉ. शादाब खां अपने यहां सिलाई कढ़ाई सीखने आने वाली युवतियों से मॉस्क बनवा रहे हैं। इसके अलावा स्वयं सहायता समूहों से भी मॉस्क बनवाते हैं। बाद में इन मॉस्क को जरूरतमंदों को निश्शुल्क बांट देते हैं।
शौकत रोड स्थित मदीहा एजूकेशनल वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. शादाब ने कोरोना काल में जरूरतमंदों की काफी मदद की। निश्शुल्क दवाएं तक बांटी। इन दिनों वह मॉस्क का वितरण कर रहे हैं। वह बताते हैं कि कोरोना से बचाने के लिए मॉस्क की बहुत उपयोगिता है। जिलाधिकारी स्वयं मॉस्क लगाने को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों से अपील करते हैं। उनकी अपील से प्रभावित होकर हमने मॉस्क बनवाने शुरू किए। अब तक 10 हजार मॉस्क प्रशासन के माध्यम से जरूरतमंदों को वितरित करा चुके हैं। इसके अलावा दो हजार मॉस्क खुद भी बांटे हैं। अब वह अपने साथ मॉस्क लेकर चलते हैं और जहां बिना मॉस्क के कोई मिल जाता है तो उसे मॉस्क देते हैं। लोगों को मॉस्क लगाने के लिए जागरूक भी करते हैं।
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