अब न वो खुशबू रही, न वो हाथ की लिखावट; सोशल मीडिया के शोर में कहीं खो गई त्योहारों की आहट
कभी त्योहारों का मतलब स्टेशनरी की दुकान पर घंटों कार्ड चुनना और डाकिए का इंतज़ार करना होता था। आज एक क्लिक पर 'Forward' तो हो जाता है, पर क्या उस संदे ...और पढ़ें

ग्रीटिंंगकार्डस
संवाद सहयोगी, जागरण, रामपुर। एक समय था जब त्योहारों में लोग प्रियजनों के ग्रीटिंग कार्ड देकर बधाई संदेश दिया करते थे। लेकिन , अब डिजिटल दौर में अब ग्रीटिंग कार्ड का चलन खत्म हो गया है। अब लोग सोशल मीडिया के माध्यम से एक दूसरे को बधाई संदेश देते हैं। त्योहारों पर ग्रीटिंग कार्ड्स का चलन धीरे-धीरे खत्म हो रहा है।
जहां पहले के समय में लोग त्योहारों पर अपने व्यस्त जीवन से कुछ लम्हे निकालकर एक दूसरे को ग्रीटिंग कार्ड्स भेज कर अपने भावों का आदान प्रदान किया करते थे तो वहीं आज के वक़्त में इन कार्ड्स की जगह सोशल मीडिया प्लेटफार्म ने ले ली है। जहां मात्र एक बटन दबाने से आप दूसरे इंसान को त्योहारों की शुभकामनाएं दे सकते है।
पहले जब भी दिवाली, ईद, क्रिसमस, रक्षाबंधन, होली जैसे बड़े त्योहार आते थे तो लोग अपने प्रियजनों को ग्रीटिंग कार्ड्स भेजकर शुभकामनाएं देते थे। यह रिवाज कई सालों से चला आ रहा था, लेकिन डिजिटल युग के आने के साथ-साथ इसमें कमी देखने को मिल रही है। आजकल लोग सोशल मीडिया, वाट्सएप और ईमेल के माध्यम से डिजिटल शुभकामनाएं भेजना ज्यादा पसंद करते हैं।
इसकी वजह यह है कि डिजिटल प्लेटफार्म के जरिए एक साथ कई लोगों को शुभकामनाएं भेजना संभव हो गया है और इसमें समय की भी बचत होती है। साथ ही आनलाइन ग्रीटिंग कार्ड्स और वीडियो मैसेजेज ने पारंपरिक कार्ड्स की जगह ले ली है, जिनमें कई बार एनिमेशन और व्यक्तिगत संदेश जोड़े जा सकते हैं। ग्राहकों की घटती मांग के चलते कई कंपनियों ने अपने ग्रीटिंग कार्ड्स से जुड़े प्रोडक्शन को बंद कर दिया है।
जहां पहले स्टेशनरी की दुकानों पर त्योहारों के समय रंग-बिरंगे कार्ड्स की भरमार होती थी, अब उनकी जगह ज्यादातर गिफ्ट आइटम्स और डिजिटल गिफ्ट कार्ड्स ने ले ली है। डिजिटल युग में त्योहारों की खुशियां अब मोबाइल फोन तक सीमित रह गई हैं। एक समय था जब क्रिसमस और नए साल के आगमन पर बाजार ग्रीटिंग कार्ड से पटा रहता था। आज बाजार में ढूंढने से भी दुकान में ग्रीटिंग कार्ड नहीं मिलेंगे।
डाकिया के हाथ से ग्रीटिंग कार्ड गायब
क्रिसमस के अलावा नए साल व अन्य त्योहारों के मौके पर भेजे जाने वाले शुभकामना संदेशों में डाक विभाग अहम भूमिका निभाता रहा है। एक समय था जब नए साल और क्रिसमस के मौके पर डाकघर शुभकामना संदेशों से भरे ग्रीटिंग कार्ड से भरा रहता था। लेकिन, स्थिति यह है कि अब डाकिया के हाथ से ग्रीटिंग कार्ड गायब हो गए हैं।
इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि एक समय शहर में ग्रीटिंग कार्ड की दुकानों पर नए साल और क्रिसमस के मौके पर ग्रीटिंग कार्ड खरीदने वालों की इतनी भीड़ होती थी कि दिन में कई बार दुकान का शटर गिरा दिया जाता था और ग्राहकों को एक-एक कर अंदर जाने दिया जाता था। लेकिन अब यहां सन्नाटा पसरा रहता है।
डिजिटल युग में नये साल पर आने वाले कार्ड से संबंधित डाक कम हो गयी है. लोग सोशल मीडिया के जरिये शुभकामनाएं देना ज्यादा पसंद करते हैं, यही वजह है कि अब शुभकामना संदेश भेजने का पारंपरिक तरीका बदल गया है।
- भूपेंद्र सिंह, पोस्ट मास्टर, प्रधान डाकघर रामपुर
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