आजम खान के खिलाफ शत्रु संपत्ति मामले में गवाह न आने से टली सुनवाई, अब एक अक्टूबर को होगी
रामपुर में आजम खान के खिलाफ शत्रु संपत्ति मामले की सुनवाई गवाह के अभाव में टल गई। अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को होगी। अल्लामा जमीर नकवी ने आरोप लगाया था कि आजम खान ने इमामुद्दीन कुरैशी की शत्रु संपत्ति को जौहर यूनिवर्सिटी में शामिल करने के लिए फर्जीवाड़ा किया था जिसमें परिवार और वक्फ अधिकारियों की मिलीभगत थी। मुकदमे में अन्य लोग भी नामजद हैं।

जागरण संवाददाता, रामपुर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान के विरुद्ध शत्रु संपत्ति के मामले में बुधवार को गवाह न आने से सुनवाई टल गई। अब पहली अक्टूबर को सुनवाई होगी।
शत्रु संपत्ति का मामला अजीमनगर थाने में वर्ष 2019 में दर्ज हुआ था। इस मुकदमे को लखनऊ के नारायण गार्डन हुसैनबाड़ी ठाकुरगंज निवासी अल्लामा जमीर नकवी ने दर्ज कराया था। उनका कहना था कि लखनऊ के इमामुद्दीन कुरैशी विभाजन के समय पाकिस्तान चले गए थे। उनकी संपत्ति को सरकार ने शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया था। राजस्व अभिलेखों में उनकी संपत्ति रामपुर में भी दर्शाई गई। वह लखनऊ के रहने वाले थे। ऐसे में रामपुर में उनके नाम पर संपत्ति किस तरह राजस्व अभिलेखों में अंकित थी।
दरअसल, आजम खां ने इस संपत्ति को जौहर यूनिवर्सिटी में शामिल करने के लिए अपने परिवार और वक्फ अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जीवाड़ा किया है। इस मुकदमे में आजम खां के अतिरिक्त उनकी पत्नी पूर्व सांसद डा. तजीन फात्मा, बेटा अब्दुल्ला, शिया सेंट्रल बोर्ड उत्तर प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष सैय्यद वसीम रिजवी, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल बोर्ड लखनऊ के अध्यक्ष जुफर फारूखी, मजहर अली, सैयद गुलामुस सय्यदैन, रहमत हुसैन जैदी और मसूद खां भी नामजद हैं।
पुलिस की विवेचना के बाद मुकदमे में जौहर ट्रस्ट के सदस्यों के नाम भी शामिल किए गए। मुकदमे की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही है। अभियोजन की ओर से गवाही कराई जा रही है।
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