आजम खान के भड़काऊ भाषण का एक और मामला फैसले के करीब पहुंचा, अभियोजन को करनी है बहस
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के खिलाफ भड़काऊ भाषण मामले में बचाव पक्ष की बहस पूरी हो चुकी है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता उल्लंघन का यह मामला है। आजम खान पर मतदाताओं को पुलिस के प्रति भड़काने का आरोप है जिसके चलते उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई थी। कोर्ट में सुनवाई चल रही है और अभियोजन की बहस के बाद निर्णय आ सकता है।

जागरण संवाददाता, रामपुर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान के विरुद्ध भड़काऊ भाषण का एक मामला फैसले के करीब आ गया है। इसमें बचाव पक्ष की बहस पूरी हो गई है। अभियोजन को बहस करनी है। मंगलवार को बहस होनी थी, लेकिन पीठासीन अधिकारी के अवकाश पर होने के कारण बहस नहीं हो सकी।
चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का यह मामला वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव का है। आजम खान पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े थे और जीते भी थे। इस दौरान उनके खिलाफ चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का एक मामला सिविल लाइंस कोतवाली में दर्ज हुआ था। यह मुकदमा तत्कालीन उप जिलाधिकारी सदर प्रेम प्रकाश तिवारी की ओर से हुआ था।
इसमें आरोप है कि 23 अप्रैल 2019 को आजम खां की एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुई, जिसमें वह जनसभा में मतदाताओं को पुलिस के प्रति भड़का रहे थे और निर्धारित अवधि के बाद भी मतदान करने के लिए उकसा रहे थे। इसे आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए आजम खां के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
पुलिस ने मुकदमे की विवेचना पूरी कर आजम खान के विरुद्ध चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन करने व लोगों को भड़काने की धाराओं में आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया था। मुकदमे की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही है। इसमें बहस पूरी हो गई थी। पत्रावली पर फैसला आना था। बाद में अभियोजन ने कुछ और बहस और रूलिंग पेश करने के लिए समय मांग लिया था। अब अभियोजन अपनी बहस पूरी करेगा, जिसके बाद कभी भी इसमें निर्णय आ सकता है।
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