इधर आजम खान जेल से बाहर आए, उधर डूंगरपुर प्रकरण में इस वजह से टल गई सुनवाई
समाजवादी पार्टी के नेता आज़म खान के खिलाफ डूंगरपुर मामले की सुनवाई टल गई। निरीक्षक शरद पवार की गवाही नहीं हो सकी। मामला 2016 का है जब आज़म खान मंत्री थे और गरीबों के लिए आवास बनवाए गए थे। 2019 में 11 लोगों ने मुकदमा दर्ज कराया जिसमें आज़म खान पर जबरन घर खाली कराने और मकान तोड़ने का आरोप है। मामले की सुनवाई विशेष न्यायालय में चल रही है।

जागरण संवाददाता, रामपुर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां के खिलाफ डूंगरपुर प्रकरण में शुक्रवार को सुनवाई नहीं हो सकी। इसमें निरीक्षक शरद पवार की गवाही होनी है। वह वर्तमान में मुरादाबाद में एलआइयू में तैनात हैं। वह गवाही के लिए नहीं आ सके। इस पर न्यायालय ने सुनवाई के लिए अब सात अक्टूबर नियत कर दी है।
डूंगरपुर प्रकरण वर्ष 2016 का है। तब प्रदेश में सपा की सरकार थी और आजम खां कैबिनेट मंत्री थे। उन्होंने पुलिस लाइन के पास डूंगरपुर में गरीबों के लिए आसरा आवास बनवाए थे। यहां पहले से कुछ लोगों के मकान बने हुए थे, जिन्हें सरकारी जमीन पर बताकर तोड़ दिया गया था।
इन लोगों ने ही भाजपा की सरकार आने पर वर्ष 2019 में गंज कोतवाली में मुकदमे दर्ज कराए थे। 11 लोगों की ओर से दर्ज अलग-अलग मुकदमों में आरोप है कि सपा सरकार में आजम खां के इशारे पर पुलिस और सपाइयों ने बस्ती में आसरा आवास बनाने के लिए उनके घरों को जबरन खाली कराया था। उनका सामान लूट लिया और मकानों पर बुलडोजर चलवाकर ध्वस्त कर दिया था।
इन मुकदमों में पहले आजम खां नामजद नहीं थे, लेकिन अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी और उनके बयानों के आधार पर पुलिस ने आजम खां को भी आरोपित बनाया था। इन मामलों की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) में चल रही है। इनमें छह मामलों में फैसला हो चुका है। पांच मामले अब भी विचाराधीन हैं। पांचों मामलों की एक साथ सुनवाई की जा रही है।
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