आजम खां के डूंगरपुर मामले में गवाह न आने से टली सुनवाई, अब 26 सितंबर को होगी
सपा नेता आजम खां के डूंगरपुर मामले में गवाहों की गैरमौजूदगी और वकीलों की हड़ताल से सुनवाई टल गई। यह मामला 2016 का है जब आजम खां मंत्री थे और डूंगरपुर में आसरा आवास बनवाए गए थे जिसके लिए कुछ लोगों के मकान तोड़े गए। पीड़ितों ने आरोप लगाया कि आजम खां के इशारे पर उनके घरों को जबरन खाली कराया गया। अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी।

जागरण संवाददाता, रामपुर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां के खिलाफ डूंगरपुर प्रकरण में गवाह न आने और अधिवक्ताओं की हड़ताल के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। अब इस मामले में 26 सितंबर को सुनवाई होगी। सुनवाई के लिए आजम खां सीतापुर जेल से वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए पेश हुए।
डूंगरपुर प्रकरण वर्ष 2016 का है। तब प्रदेश में सपा की सरकार थी और आजम खां कैबिनेट मंत्री थे। उन्होंने पुलिस लाइन के पास डूंगरपुर में गरीबों के लिए आसरा आवास बनवाए थे। यहां पहले से कुछ लोगों के मकान बने हुए थे, जिन्हें सरकारी जमीन पर बताकर तोड़ दिया गया था। इन लोगों ने ही भाजपा की सरकार आने पर वर्ष 2019 में गंज कोतवाली में मुकदमे दर्ज कराए थे।
11 लोगों की ओर से दर्ज अलग-अलग मुकदमों में आरोप है कि सपा सरकार में आजम खां के इशारे पर पुलिस और सपाइयों ने बस्ती में आसरा आवास बनाने के लिए उनके घरों को जबरन खाली कराया था। उनका सामान लूट लिया और मकानों पर बुलडोजर चलवाकर ध्वस्त कर दिया था। इन मुकदमों में पहले आजम खां नामजद नहीं थे, लेकिन अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी और उनके बयानों के आधार पर पुलिस ने आजम खां को भी आरोपित बनाया था।
इन मामलों की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) में चल रही है। इनमें छह मामलों में फैसला हो चुका है। पांच मामले अब भी विचाराधीन हैं। पांचों मामलों की एक साथ सुनवाई की जा रही है। इस मामले में निरीक्षक शरद पंवार की गवाही होनी है। वर्तमान में मुरादाबाद में एलआइयू में तैनात हैं। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सीमा राणा ने बताया कि गवाह काे अब 26 सितंबर को तलब किया है।
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