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    108 की तर्ज पर घर-घर जाएगी पशु मोबाइल एंबुलेंस

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 18 Feb 2022 11:11 PM (IST)

    रामपुर अब बीमार पशुओं के उपचार के लिए 102108 की तर्ज पर सीधे घरों पर सायरन बजाते हुए पशु मोबाइल एंबुलेंस सेवा पहुंचेगी। इसमें तैनात चिकित्सक व फार्मासिस्ट बीमार पशुओं का परीक्षण कर उपचार दिया करेंगे।

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    108 की तर्ज पर घर-घर जाएगी पशु मोबाइल एंबुलेंस

    रामपुर : अब बीमार पशुओं के उपचार के लिए 102,108 की तर्ज पर सीधे घरों पर सायरन बजाते हुए पशु मोबाइल एंबुलेंस सेवा पहुंचेगी। इसमें तैनात चिकित्सक व फार्मासिस्ट बीमार पशुओं का परीक्षण कर उपचार दिया करेंगे। आवश्यकता पड़ने पर गोबर व खून की जांच भी की जाएगी। इसकी सुविधा भी इसी एंबुलेंस में उपलब्ध रहेगी। बस इसके लिए पशुओं के बीमार होने की स्थिति में पशु पालकों को पशु मोबाइल एंबुलेंस सेवा के टोल फ्री नंबर 1962 पर एक काल करनी होगी। काल रिसीव होने के कुछ ही समय बाद यह एंबुलेंस पशु पालकों के घर खडी मिलेगी।

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    जनपद को ऐसी पांच पशु मोबाइल एंबुलेंस उपलब्ध हो गई हैं।

    केंद्र सरकार ने बीमार पशुओं के उपचार व बेहतर देखभाल के लिए उन्हें घर अथवा अन्य निर्धारित स्थान पर ही उपचार मुहैया कराने की योजना तैयार की है। अंब्रेला योजना के तहत प्रदेश को 520 तो जनपद को पांच पशु मोबाइल एंबुलेंस भेजी गई हैं। यह 102 व 108 एंबुलेंस सेवा की तर्ज पर ही काम करेंगी। बस फर्क इतना रहेगा कि 102 व 108 एंबुलेंस सेवा गर्भवती महिलाओं व आमजनता के लिए काल करने पर पहुंचती हैं तो ये पशु मोबाइल एंबुलेंस बीमार पशुओं के उपचार के लिए पहुंचा करेगी। इसके लिए भी पशुपालकों को पशु चिकित्सा निदेशालय के द्वारा दिए टोल फ्री नंबर 1962 पर काल करनी होगी। निदेशालय संबंधित काल से संबंधित जिले के मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी को अवगत कराएंगे। वहां से संबंधित तहसील क्षेत्र को अवगत कराकर पशु मोबाइल एंबुलेंस को मौके के लिए रवाना किया जाएगा। इसके बाद घर पर ही बीमार पशुओं को उपचार की सेवा मिल सकेगी। पशुपालकों को अपने बीमार पशुओं को लेकर पशु चिकित्सालय लाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। घर बैठे ही यह सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।

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    पशु मोबाइल एंबुलेंस सेवा आरंभ करने के लिए आचार संहिता खत्म होने का इन्तजार

    रामपुर : जनपद को पांच पशु मोबाइल एंबुलेंस तो उपलब्ध हो गई हैं लेकिन अभी इनका उपयोग आरंभ नहीं किया गया है। चूंकि आचार संहिता लगी हुई है। दूसरे यह कि इस सेवा को चालू करने के लिए पर्याप्त स्टाफ नहीं मिला है। यह स्टाफ शासन स्तर से ही भेजा जाना है। पशुचिकित्सक, फार्मासिस्ट, सहायक, लैब सहायक व चालक की शासन स्तर से ही तैनाती की जानी है।

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    पांच लाख से अधिक पशुओं की संख्या के आधार पर मिलीं पांच मोबाइल एंबुलेंस

    रामपुर : मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डाक्टर राजेंद्र प्रसाद माहौर ने बताया कि जनपद में पशुओं की संख्या पांच लाख से अधिक है। यह एंबुलेंस एक लाख पशुओं की आबादी के हिसाब से पांच मिले हैं। शासन स्तर से स्टाफ मिलने के बाद जनपद में इनका उपयोग आरंभ हो जाएगा। इससे पशुपालकों को काफी लाभ मिलेगा। छोटे बीमार पशुओं की हालत गंभीर होने पर उन्हें इस एंबुलेंस से तहसील मुख्यालय स्थित केंद्र पर लाकर उपचार दिया जा सकेगा।