Abdullah Azam Khan: अब्दुल्ला को दो मुकदमों में हो चुकी सजा, अभी 39 मुकदमों का करना होगा सामना
सपा नेता आज़म खान के बेटे अब्दुल्ला आज़म का राजनैतिक जीवन विवादों से घिरा रहा। दो बार विधायक बनने के बावजूद उनकी विधायकी रद्द कर दी गयी। उन्हें कई मुकदमों का सामना करना पड़ा जिनमें से दो में उन्हें सज़ा हुई। छजलैट मामले में दो साल और जन्म प्रमाण पत्र मामले में सात साल की सज़ा हुई।

जागरण संवाददाता, रामपुर। सपा नेता आजम खां के बेटे अब्दुल्ला का राजनीतिक जीवन शुरू होते ही विवादों में घिर गया। वह दो बार विधायक बने लेकिन दोनों बार विधायकी चली गई। उनके खिलाफ भी पिता की तरह ही ताबड़तोड़ मुकदमे दर्ज हुए। सपा सरकार जाने के बाद वर्ष 2019 में जिले में 42 मुकदमे दर्ज हुए। साथ ही पुराने मुकदमों की फाइल भी खुल गई। इनमें एक मुकदमा मुरादाबाद के थाना छजलैट में वर्ष 2008 में दर्ज हुआ था।
इस तरह अब्दुल्ला को 43 मुकदमों का सामना करना पड़ा। वर्ष 2017 से राजनीति में कदम रखने के बाद वह ज्यादा दिन सत्ता का सुख हासिल नहीं कर पाए। दो मुकदमों में सजा हुई। 17 माह जेल में भी बिताने पड़े। पहले जिस मामले में उन्हें सजा हुई, वह छजलैट थाने का था। दो जनवरी 2008 को आजम खां अपने परिवार के साथ मुजफ्फरनगर में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जा रहे थे। छजलैट के सामने आजम खां के वाहन को चेकिंग के लिए पुलिस द्वारा रोका गया था। इसी बात को लेकर विवाद हो गया था।
आजम खां सड़क पर धरना देकर बैठ गए थे। इस मामले में आजम खां, अब्दुल्ला व अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। 13 फरवरी 2023 में एमपी-एमएलए स्पेशल मजिस्ट्रेट ट्रायल मुरादाबाद की कोर्ट ने आजम और अब्दुल्ला को दोषी करार देते हुए दो-दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद दोनों को 25-25 हजार रुपये के जमानती दाखिल कर जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
दूसरा मुकदमा दो जन्म प्रमाण पत्र का था। इसमें अब्दुल्ला को सात साल की सजा हुई थी। यह सजा 18 अक्टूबर 2023 को रामपुर से एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने सुनाई थी। इसमें आजम खां और उनकी पत्नी पूर्व सांसद डा. तजीन फात्मा को भी जेल जाना पड़ा था। अब्दुल्ला और उनकी मां इस मामले में जमानत पर बाहर आ चुके हैं, लेकिन आजम खां अब भी जेल में बंद हैं।
इसके अतिरिक्त दो मामलों में अब्दुल्ला को राहत भी मिली। आम आदमी पार्टी के नेता को धमकाने के मामले में शुक्रवार को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। इससे पहले 23 दिसंबर 2023 को आए एक फैसले में भी अब्दुल्ला व उनके परिवार को बरी किया था। यह मामला पड़ोसी से मारपीट का था। इसमें आजम खां के अलावा उनके भाई सेवानिवृत्त इंजीनियर शरीफ खां, बेटे अब्दुल्ला और भतीजे बिलाल आरोपित थे। सभी को न्यायालय ने आरोप साबित न होने पर बरी किया था।
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