आप नेता को धमकाने के मामले में अब्दुल्ला आजम बरी, कोर्ट से साढ़े पांच साल बाद मिली राहत
सपा नेता आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम को आप नेता फैसल खां लाला को धमकाने के मामले में कोर्ट ने बरी कर दिया है। साढ़े पांच साल बाद उन्हें राहत मिली है फसाहत अली खां शानू भी दोषमुक्त हुए। अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में विफल रहा। फैसल खां ने आजम खां पर जमीन कब्जाने और धमकी देने का आरोप लगाया था।

जागरण संवाददाता, रामपुर । सपा नेता आजम खां के बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम को बड़ी राहत मिली है। आम आदमी पार्टी के नेता फैसल खां लाला को धमकाने के मामले में करीब साढ़े पांच साल बाद शुक्रवार को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) शोभित बंसल ने उन्हें बरी कर दिया है। साथ ही फसाहत अली खां शानू को भी दोषमुक्त कर दिया गया। दोनों के खिलाफ अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में विफल रहा।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता फैसल खां लाला ने 15 जुलाई 2019 को गंज कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने बताया था कि वह आजम खां के राजनीतिक विरोधी हैं। उनके जन विरोधी कार्यों की शिकायतें करते हैं। जौहर ट्रस्ट द्वारा आलियागंज के किसानों की जमीन कब्जाने का मामला और यतीमखाना बस्ती उजाड़ने के मामले में भी लगातार पत्राचार कर जौहर यूनिवर्सिटी को सरकार द्वारा अधिग्रहण करने की मांग कर रहे थे।
2019 में राज्यपाल से की थी शिकायत
इस संबंध में उन्होंने आठ जुलाई 2019 को राज्यपाल से शिकायत की थी। इस वजह से आजम खां, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम और समर्थक रंजिश रखते थे। अब्दुल्ला और उनके समर्थक रास्ते में आते-जाते समय फैसल खां लाला को जान से मारने की धमकी देने लगे। उनके समर्थक उन्हें फेसबुक पर गालियां देते थे और आजम खां के खिलाफ न बोलने के लिए धमकाते थे।
इस मामले में गंज कोतवाली पुलिस ने अब्दुल्ला आजम, फसाहत अली खां शानू और जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन सलीम कासिम को नामजद किया था। फसाहत अली खां शानू सपा सरकार में आजम खां के बेहद करीबी थे। आजम खां ने उन्हें अपना मीडिया प्रभारी बनाया था।
सत्ता परिवर्तन के बाद शानू भाजपा में शामिल हो गए। जबकि मुकदमे की सुनवाई के दौरान 19 नबंवर 2023 में सलीम कासिम की मृत्यु हो गई। इस मामले में शुक्रवार को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुनाया। इस दौरान अब्दुल्ला आजम व फसाहत अली खां शानू कोर्ट में पेश हुए।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि अभियोजन पक्ष अब्दुल्ला आजम व फसाहत अली खां शानू के खिलाफ साक्ष्य पेश नहीं कर सका। इसलिए दोनों को बरी कर दिया गया। दोनों आरोपितों की ओर से कोई गवाह पेश नहीं किया गया। जबकि अभियोजन पक्ष की ओर से एक गवाह कोर्ट में पेश किया गया।
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