परिवहन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अपने परिजनों के नाम पर नहीं कर पाएंगे बसों का संचालन, शपथ पक्ष देना अनिवार्य
रायबरेली में परिवहन निगम ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अपने या परिवार के सदस्यों के नाम पर अनुबंधित बस नहीं चला पाएगा। सभी को शपथ पत्र देना होगा। ऐसा करने से निगम की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आएगी। आदेश का उल्लंघन करने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

जागरण संवाददाता, रायबरेली। परिवहन निगम ने अनुबंधित बसों के संचालन को लेकर बड़ा कदम उठाया है। निगम के अंतर्गत अब कोई भी अधिकारी या कर्मचारी स्वयं या अपने परिजनों के नाम से अनुबंधित बसों का संचालन नहीं कर पाएगा।
इस संबंध में अपर प्रबंध निदेशक द्वारा एक स्पष्ट आदेश जारी किया गया है, जिसमें सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को 100 रूपये के स्टांप पर शपथ पत्र देने का निर्देश दिया गया है।
जारी निर्देश के अनुसार, अधिकारी और कर्मचारी यह शपथ देंगे कि उनके स्वयं, उनकी पुत्री, पुत्र, माता-पिता, बहन, भाई, सौतेली संतान, गोद ली हुई संतान या किसी अन्य करीबी रिश्तेदार के नाम पर परिवहन निगम में कोई भी अनुबंधित बस संचालित नहीं हो रही है।
अगर किसी भी स्तर पर यह जानकारी छुपाई जाती है या गलत पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इस फैसले का उद्देश्य परिवहन निगम की कार्यप्रणाली को पारदर्शी बनाना है।
पूर्व में सामने आए मामलों में कई अधिकारी या कर्मचारी सीधे या परोक्ष रूप से अनुबंधित बसों के संचालन में जुड़े पाए गए थे, जिससे न केवल विभाग की छवि प्रभावित हुई, बल्कि अनुचित लाभ की संभावनाएं भी बनीं।
परिवहन विभाग ने सभी डिपो प्रभारी व क्षेत्रीय अधिकारियों को आदेशों का कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिए हैं। यह प्रक्रिया जल्द ही सभी मंडलों में लागू की जाएगी और निर्धारित समय के भीतर शपथ पत्र जमा न करने वाले कर्मचारियों को चेतावनी भी जारी की जाएगी।
क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने बताया कि सभी कर्मचारी व अधिकारियों से इस संदर्भ में शपथ पत्र मांगी गई है।जिसको लेकर निर्देश जारी कर दिया गया है।
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