लुभाने लगा समसपुर पक्षी विहार का सौंदर्य
कई किमी का क्षेत्र विदेशी पक्षियों से रहता गुलजार

रायबरेली : सलोन तहसील के समसपुर पक्षी विहार में कई देशों से पक्षियों के आने का सिलसिला जारी है। हजारों किमी की दूरी तय करके वे यहां पहुंच रहे हैं। दिसंबर और जनवरी में यहां का सौंदर्य चरम पर रहता है। पूरा क्षेत्र विदेशी पक्षियों के कलरव से गूंजता रहता है। 99.371 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला पक्षी विहार मुख्यालय से 39 किमी की दूरी पर है। इसे छह झीलों को जोड़कर बनाया गया है।
इनसेट-
-1987 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने समसपुर पक्षी विहार की रखी थी नींव
- 99.371 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है समसपुर पक्षी विहार
- 06 झीलों को जोड़कर इसे दिया गया नया रूप
-39 किमी है जिला मुख्यालय से दूरी
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यह समय होता खास
- नवंबर में आने लगते प्रवासी पक्षी
- दिसंबर और जनवरी में चरम पर रहता सौंदर्य
- मार्च से शुरू होती प्रवासी पक्षियों की वापसी
इन देशों से आते पक्षी
पक्षी विहार में श्रीलंका, पाकिस्तान, तुर्किस्तान, बांग्लादेश, यूरोप, अफगानिस्तान समेत अन्य कई देशों से हजारों किमी की दूरी तय करके पक्षी यहां पहुंचते हैं। कुछ पक्षी पांच हजार किमी की दूरी तय कर 10 हजार मीटर की ऊंचाई से उड़कर यहां आते हैं।
ये पक्षी पहुंचते समसपुर
पक्षी विहार में प्रवासी पक्षी बारहेडेड गूज, गैरगनी टील, विजन, शावलर, रुडी शेलडक, मैलर्ड, मार्श हैरियर, पेलिकन मार्श, सैडपाइपर भी आते हैं। स्थानीय पक्षियों में कोयल, मोर, सारस, क्रेन, तीतर भी पक्षी विहार आते हैं।
कैसे पहुंचें
पक्षी विहार पहुंचने के लिए जिला मुख्यालय से सलोन, फिर यहां से पक्षी विहार पहुंचा जा सकता है। लखनऊ से लगभग 135 किमी. की दूरी पर यह स्थित है।
इनकी सुनें,
विदेशी पक्षियों का आना शुरू हो गया है। दिसंबर तक काफी संख्या में पक्षी आ जाते हैं। मार्च से पक्षी वापस जाने लगते हैं। पक्षी विहार की चौकसी बढ़ा दी गई है।
अमित कुमार श्रीवास्तव, क्षेत्रीय वन अधिकारी
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