Raebareli Accidnt: रायबरेली में टेंपो पलटने से 9 महिलाएं घायल, मुंडन कार्यक्रम में होने जा रहे थे शामिल
रायबरेली के लालगंज में सरेनी-लालगंज मार्ग पर एक टेम्पो पलटने से नौ महिलाएं घायल हो गईं। ये महिलाएं एक मुंडन कार्यक्रम में शामिल होने जा रही थीं। स्थानीय लोगों ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया जहाँ से तीन की हालत गंभीर होने पर उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। घटना के बाद अस्पताल में केवल एक चिकित्सक द्वारा इलाज करने पर लोगों ने नाराजगी जताई।

संवाद सूत्र, लालगंज (रायबरेली)। सरेनी-लालगंज मार्ग पर ओरी का पुरवा गांव के पास एक टेंपो अनियंत्रित होकर पलट गया। हादसे में टेंपो सवार एक युवती समेत नौ महिलाएं घायल हो गईं। घटना से अफरा तफरी मच गई। आस पास के लोग मदद के लिए दौड़ पड़े।
स्थानीय लोगों व राहहगीरों की मदद से सभी घायलाें को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद तीन की हालत नाजुक होने के चलते उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया है।
पूरे नौरंग मजरे आलमपुर निवासी राजवती, उन्नाव के गौरा थाना बिहार की गोल्डी, सरेनी के कतिकहा निवासी शिवपाल की पुत्री अर्चना, दरोगिन का पुरवा मजरे लोदीपुर उतरावां के सावित्री, गुलाबा, सविता, मालती, कृष्णावती व केतकली अपने एक रिश्तेदार रोहित के पुत्र के मुंडन कार्यक्रम में शामिल होने टेंपो से बेहटा कला गांव जा रही थीं।
परिवारजन व अन्य रिश्तेदार दूसरे वाहनों से आगे निकल गए। सरेनी मार्ग पर पूरे ओरी गांव के पास टेंपो अनियंत्रित होकर पलट गया। हादसे में टेंपो सवार सभी लोग घायल हो गए। घायलों की चीख पुकार सुन अफरा तफरी मच गई। देखते ही देखते बड़ी संख्या में लोग मौके पर एकत्रित हो गए।
स्थानीय लोगों व राहगीरों ने सभी को बाहर निकाला, इसके बाद उन्हें एंबुलेंस की मदद से सीएचसी ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद हालत नाजुक होने के चलते राजवती, गोल्डी व सावित्री की हालत नाजुक होने के चलते उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया है। कोतवाल प्रमोद सिंह का कहना है कि घायलों का उपचार कराया जा रहा है। तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
एक ही चिकित्सक के भरोसे हुआ उपचार
घटना के बाद जब सभी घायलों को सीएचसी लाया गया तो अस्पताल परिसर में ही स्वास्थ्य शिविर लगा था। शिविर में कई चिकित्सक व चिकित्साकर्मी मौजूद थे। एक साथ नौ घायल अस्पताल पहुंचे, लेकिन इसके बाद भी अन्य कोई चिकित्सक मरीजों के उपचार के लिए शिविर से उठकर नहीं आया। अकेले डा. गौरव पांडेय घायलों का उपचार करते रहे, जिससे मरीजों के उपचार में काफी समय भी लगा। इसको लेकर भी लोगों में रोष है।
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