Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यूपी के इस खतरनाक ट्रैक पर दौड़ रही Vande Bharat Express, 32 KM पर 162 से अधिक स्लीपर दरके-टूटे

    Updated: Tue, 30 Sep 2025 03:48 PM (IST)

    रायबरेली-ऊंचाहार रेलमार्ग पर दरियापुर और ऊंचाहार स्टेशन के बीच 32 किमी के दायरे में 162 से अधिक स्लीपर टूटी हैं। इन जर्जर स्लीपरों से प्रतिदिन कई ट्रेनें गुजरती हैं जिससे यात्रियों की जान खतरे में है। अधिकारियों की लापरवाही के कारण दुर्घटना का डर बना हुआ है। यात्रियों ने रेलवे से तत्काल कार्रवाई की मांग की है जिसके बाद जांच का आश्वासन दिया गया है।

    Hero Image
    वंदेभारत समेत जिस रूट से निकलती है कई ट्रेनें, उसी रूट में 32 किमी में दरके 162 स्लीपर कई ट्रेनें।

    जागरण संवाददाता, रायबरेली। कहीं स्लीपर से पेंडुल रबड़ पैड गायब तो कहीं दरके स्लीपर खतरे का सबब बने हुए है जबकि रेल मार्ग पर सुरक्षित व सुगम यात्रा के लिए स्लीपरों का सही होना जरूरी है, लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते लखनऊ-प्रयागराज रेलमार्ग पर दरियापुर-ऊंचाहार स्टेशन के बीच 32 किमी में 162 से अधिक स्लीपर दरकी हैं तो कई टूटी हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इन्हीं स्लीपराें से प्रतिदिन कई सवारी व मालगाड़ियों का आना जाना है। इसके बाद भी जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसके चलते यात्रियों की जान जोखिम में बनी हुई है।

    दरियापुर से ऊंचाहार स्टेशन की दूरी करीब 32 किमी है। इसी बीच 162 से अधिक स्लीपर दरके हुए हैं। इस स्टेशन से होकर रायबरेली-ऊंचाहार रेलमार्ग होकर प्रयागराज के बीच ट्रेनों का संचालन होता है।

    रेल पटरी में संतुलन बनाने के लिए लगी दरकी स्लीपरों के सहारे गोरखपुर से प्रयागराज संगम वंदेभारत एक्सप्रेस, नौचंदी एक्सप्रेस, त्रिवेणी एक्सप्रेस, गंगागोमती एक्सप्रेस, लखनऊ -प्रयागराज इंटरसिटी एक्सप्रेस, बरेली एक्सप्रेस, रायबरेली-ऊंचाहार-कानपुर पैसेंजर, रायबरेली-ऊंचाहार पैसेंजर आदि यात्री ट्रेनों समेत कई मालगाड़ियों का प्रतिदिन आना जाना होता है।

    स्थानीय अधिकारी व कर्मचारियों की लापरवाही के कारण दरकी स्लीपरों को बदलवाया नहीं जा रहा है, जबकि कई स्लीपर तो क्षतिग्रस्त तक हो चुके हैं। क्षतिग्रस्त स्थलों पर पटरी में अधिक दबाव पड़ रहा है। इससे आने जाने वाली ट्रेनों के दौरान झटके ट्रेनों में महसूस हो रहे हैं।

    इसको लेकर लोको पायलट तक उच्चाधिकारियों को सूचित कर चुके हैं। यात्री केशनाथ पाल,अमरनाथ व देवनाथ पाल,हिमालय,कृपाशंकर का कहना है कि रेलवे को इस ओर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।

    ट्रेन संचालन से जुड़े जिम्मेदार अधिकारियों को आने जाने वाले यात्रियों के हित व सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए। सहायक मंडल अभियंता प्रयागराज पवन कुमार का कहना है कि प्रकरण में जांच कराई जाएगी।