रायबरेली में गंगा का जलस्तर स्थिर, ग्रामीणों ने ली राहत की सांस; समस्याएं अभी नहीं हईं कम
रायबरेली के डलमऊ में गंगा नदी का जलस्तर तटबंधों से पानी छोड़े जाने के कारण बढ़ गया था लेकिन गुरुवार दोपहर बाद यह स्थिर हो गया। जलस्तर स्थिर होने से बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों को कुछ राहत मिली है पर अभी भी उनके घरों में पानी भरा है। किसानों की फसलें नष्ट हो गई हैं और घाटों पर बनी सुविधाएं जलमग्न हैं।

संवाद सूत्र, डलमऊ (रायबरेली)। गंगा तटबंधों से छोड़े गए पानी के कारण उफनाई गंगा नदी का जलस्तर गुरुवार की दोपहर बाद स्थिर हो गया है। जलस्तर स्थित होने से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है, लेकिन उनकी समस्याएं अभी कम नहीं हुई हैं। अभी भी लोगों के घर के दरवाजे बाढ़ का पानी भरा है। घर जाने के लिए लोग पानी के बीच होकर आने जाने को मजबूर हैं।
बाढ़ के पानी से किसानों की फसलें नष्ट हो गई हैं। स्नान घाटों में तीर्थ पुरोहितों की सुविधा के लिए बनाई गई छावनी और महिला श्रद्धालुओं के कपड़े बदलने के लिए घाटों में लगे चेंजिंग रूम जलमग्न हैं।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बुधवार की शाम पांच बजे गंगा का जलस्तर 98.970 सेंटीमीटर था, जो गुरुवार की सुबह 10 बजे बढ़कर 99.000 सेंटीमीटर हो गया, लेकिन दोपहर के बाद से गंगा का जलस्तर एक सेंटीमीटर घटकर 98.990 पर स्थिर हो गया है।
एसडीएम ने कहा- किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं
एसडीएम सत्येंद्र सिंह का कहना है कि बाढ़ से निपटने के सारे इंतजाम किए गए हैं। किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है। प्रतिदिन राजस्व कर्मी गांव पहुंचकर बाढ़ पर नजर बनाए हुए हैं।
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