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    कूल्हे का ऑपरेशन कराने ऑर्थोपेडिक सेंटर पहुंचे मरीज की मौत, शव रखकर परिवारजनों ने काटा बवाल

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 03:52 PM (IST)

    रायबरेली में एक नर्सिंग होम में इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई जिसके बाद परिजनों ने हंगामा किया। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही से मरीज की जान गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घटना की जानकारी ली। परिजनों का यह भी आरोप है कि नर्सिंग होम संचालक आयुष्मान कार्ड धारकों से भी पैसे वसूल रहे हैं।

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    कूल्हे का ऑपरेशन कराने ऑर्थोपेडिक सेंटर पहुंचे मरीज की मौत।- सांकेत‍िक तस्‍वीर

    जागरण संवाददाता, रायबरेली। शहर के कचहरी रोड स्थित डॉ एसएम सिंह के नर्सिंग होम में इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई। मरीज की मौत पर परिवारजन ने शव रखकर हंगामा किया। जानकारी होने पर मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस पहुंची और परिवारजन से घटना की जानकारी ली। हंगामा देख नर्सिंग होम के कर्मचारी मौके से भाग गए।

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    दरीबा निवासी रामसागर व अरविंद चौधरी ने बताया कि बलवीर सिंह के कूल्हे में चोट आई थी। उन्हें डॉक्टर एसएम सिंह के नर्सिंग होम में 22 जुलाई को भर्ती कराया गया था। चिकित्सक ने 23 जुलाई को ऑपरेशन किया। इसके बाद से मरीज कुछ भी बोल नहीं सका। उन्होंने बताया कि चिकित्सक से लगातार मरीज की हालत देखते हुए रेफर करने की गुहार लगाते रहे, लेकिन उनकी एक न सुनी गई।

    परिजनों का आरोप है कि मरीज की परेशानी को स्टाफ ने गंभीरता से नहीं लिया। जबकि परिवारीजन बार-बार तबीयत बिगड़ने की बात कह रहे थे। शुक्रवार को मरीज की मौत हो गई। इसके बाद परिवारजन ने नर्सिंग होम के गेट पर शव रखकर प्रर्दशन किया। परिवारजन ने चिकित्सक पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाते हुए हंगामा किया। इसकी जानकारी होने पर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और परिवारजन से घटना की जानकारी ली। परिवारजन का आरोप है की मरीज की मौत होते ही चिकित्सक व स्टाफ मौके नर्सिंग होम छोड़कर फरार हो गए।

    निजी नर्सिंग होम संचालक ले रहे आयुष्मान कार्ड धारकों से पैसा

    स्वास्थ्य विभाग की नाक के नीचे निजी नर्सिंग होम संचालक आयुष्मान कार्ड धारकों से इलाज के नाम पर पैसे ले रहे हैं। मामले में परिजनाें का आरोप है कि संचालक ने जांच के लिए पांच हजार और ऑपरेशन के लिए 15000 रुपये लिए। यह मामला सिर्फ एक बानगी है। जो कि मरीज की मौत के बाद बाहर आ गया। ऐसे कई मामले हैं जो विभाग की उदासीनता से दब जाते हैं। जिससे निजी नर्सिंग होम संचालकों के हौसले बुलंद हैं और वह गरीब मरीजों को लूट रहे हैं।