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    यूपी के इस जिले में बंदरों के आतंक से घरों को भारी नुकसान, हमले से लोग हो रहे जख्मी

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 02:33 PM (IST)

    रायबरेली के महराजगंज क्षेत्र में बंदरों के आतंक से ग्रामीण परेशान हैं। बंदर घरों में घुसकर लोगों को काट रहे हैं जिससे भोजन बनाना भी मुश्किल हो गया है। गंगापुर कुटी में लगभग एक हजार बंदर हैं जिससे खेतों में भी नुकसान हो रहा है। ग्रामीणों ने प्रशासन से शिकायत की है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

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    महराजगंज में बंदरों के आंतक से घर और खेत को हो रहा भारी नुकसान।

    संवाद सूत्र, महराजगंज (रायबरेली)। क्षेत्र में बढ़ रहे बंदरों के आतंक से ग्रामीण परेशान है। बंदर लोगों के घरों में घुस जाते हैं, यहां तक महिलाओं के लिए रसोई में भोजन बनाना भी मुश्किल हो रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि बंदर आए दिन किसी न किसी को काटकर जख्मी कर देते हैं।

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    इसको लेकर कई बार शिकायत की गई, लेकिन इसके बावजूद जिम्मेदार कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, जिसको लेकर ग्रामीणों में रोष है।

    क्षेत्र के बारी गोहन्ना, गंगा पुर, कडरिया, कोटवा मोहम्दाबाद समेत कई गांवों में बंदरों का आतंक है। इन गांवों में करीब सैकड़ों बंदरों का झुंड एक साथ पहुंच जाता है। आए दिन ये बंदर लोगों को काट कर जख्मी कर रहे हैं। रोज क्षेत्र का कोई न कोई व्यक्ति बंदरों का शिकार हो जाता है।

    ग्रामीणों की मानें तो घर की छत या दरवाजे पर कोई अनाज नहीं छोड़ा जा सकता, छोड़ दिया तो नुकसान पक्का है। गंगापुर कुटी की बात करें तो ग्रामीणों के मुताबिक यहां एक हजार बंदर से कम नहीं हैं।

    ग्रामीण सुंदरम कहते हैं कि बंदरों की संख्या बढ़ जाने से घर से लेकर खेतों तक नुकसान हो रहा है। इनके भय से अधिकांश लोगों ने अपने घरों में जाली लगाना शुरू कर दिया है।

    बारी गोहन्ना निवासी बृजकिशोर अवस्थी, राम प्रताप, बबलू ने बताया कि बंदरों का झुंड खेतों में भी नुकसान कर रहा है।

    अधिकांश धान की फसल खराब हो गई हैं। जिम्मेदारों से कई बार इस समस्या के समाधान की मांग की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

    तहसील परिसर में बंदरों का खौफ

    कस्बे के अलावा तहसील परिसर में भी बंदरों की भारी संख्या है, यहां आने वाले फरियादी, अधिवक्ता के अलावा कर्मचारी भी आए दिन इनके शिकार हो रहे हैं।

    तहसील के मुंशी गंगेश श्रीवास्तव, फरियादी पाली निवासी राम चंद्र समेत कई लोग बंदर के काटने से जख्मी हो चुके हैं। इसके बाद भी जिम्मेदार गंभीर नहीं है।

    बंदरों की बढ़ती संख्या वास्तव में चिंता जनक हैं। गांव से लेकर खेतों तक लोगों के नुकसान की शिकायतें आती है। मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाकर कोई विकल्प तलाशा जाएगा। -गौतम सिंह, एसडीएम, महराजगंज।

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