छह महीने में बंदरों ने 100 से ज्यादा लोगों को काटा, बच्चे नहीं जा पा रहे स्कूल
रायबरेली के थुलेंडी गांव में बंदरों का आतंक चरम पर है जिससे ग्रामीण भयभीत हैं। पिछले छह महीनों में लगभग 100 लोग बंदरों के काटने से घायल हुए हैं। बंदर घरों में घुसकर उत्पात मचा रहे हैं जिससे बच्चों ने स्कूल जाना बंद कर दिया है। ग्रामीणों ने शिकायत की है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। एसडीएम ने समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया है।

संवाद सूत्र, थुलेंडी (रायबरेली)। गांव में बढ़ रहे बंदराें के उत्पाद से लोग परेशान हैं। बंदर लोगों के घरों के अंदर तक घुस जाते हैं। आए दिन किसी न किसी पर हमलावर हो रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार छह माह में बंदर करीब 100 लोगों को काटकर घायल कर चुके हैं। शिकायत के बाद भी जिम्मेदार समस्या को लेकर गंभीर नहीं है। इससे ग्रामीणों में आक्रोश है।
थुलेंडी गांव में बंदरों के उत्पाद से लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। ग्रामीण उमेश, पूनम, सुलेमान, इरशाद अली, पप्पू व अन्य लोगों काे कहना है कि बंदरों के हमले से आए दिन कोई न कोई घायल होता रहता है। बंदरों का उत्पात भी दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि घर की छत पर या दरवाजे कोई अनाज नहीं छोड़ा जा सकता है, छोड़ दिया तो नुकसान जरूर होगा। बंदरों के चलते बच्चे स्कूल जाने में डरने लगे हैं। गांव के कई बच्चे बंदरों के चलते स्कूल जाना बंद कर दिया है।
लोगों का कहना है कि बंदरों के चलते लोग घरों में जाली लगवाने लगे हैं। इतना ही नहीं मौका मिलते ही बंदर घरों के अंदर घुस जाते हैं और घर के अंदर रखा उठा ले जाते हैं या तो बर्बाद कर देते हैं। यदि बंदरों को भगाने का प्रयास करो तो वह हमलावर हो जाते हैं।
लोगों का कहना है कि कुछ दिन पहले गांव निवासी शिवशंकर बंदर के डर से छत से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। लखनऊ स्थित ट्रामा सेंटर काफी दिनों तक भर्ती रहे। इसके नसीम, नीरज, सुरेश शुक्ल, मांशी, इरशाद अली, महताब, जिआउल, तनवीर समेत अन्य लोगों को भी बंदर काटकर घायल कर चुके हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि समस्या को लेकर जिम्मेदारों से शिकायत भी की गई, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। यदि जल्द समस्या का समाधान नहीं हुआ तो मामले को लेकर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
एसडीएम महराजगंज गौतम सिंह का कहना है कि सोमवार को बीडीओ से बात कर ग्रामीणों को बंदरों के उत्पात से निजात दिलाने के प्रयास किए जाएंगे।
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