एनटीपीसी हादसा पीड़ितों में 30 की मौत, 200 से ज्यादा झुलसे लोगों का हो रहा उपचार
एनटीपीसी ऊंचाहार में बॉयलर फटने से कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई है और 200 से ज्यादा लोग झुलस गए हैं। यूपी सीएम ने पीड़ितों के लिए मदद की घोषणा की है।
रायबरेली (जेएनएन)। एनटीपीसी ऊंचाहार की छठी यूनिट में बुधवार शाम बिजली उत्पादन के दौरान ब्वॉयलर में विस्फोट हो गया। दो सौ से ज्यादा श्रमिक, कर्मचारी व अधिकारी दहकती राख की चपेट में आ गए। विस्फोट में 30 लोगों के मरने की प्रमुख सचिव (गृह) अरविंद कुमार ने पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि 200 से ज्यादा घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें कई की हालत नाजुक है। अब भी बड़ी संख्या में श्रमिकों के राख में दबे होने की आशंका है। घायलों में एनटीपीसी के तीन एजीएम भी शामिल हैं। मृतकों में उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश के लोग शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि घटना के फोटो बहुत ही भयावह है जो विचलित कर देने वाले हैं। इसलिए हम उन्हें प्रकाशित नहीं कर रहे हैं।
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शोक संवेदना और मदद
एनटीपीसी हादसे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सांसद सोनिया गांधी ने शोक संवेदना व्यक्त किया है। यूपी सीएम ने प्रमुख सचिव गृह को हादसे के पीड़ितों को हर संभव राहत पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। मृतकों के लिए सीएम की ओर से मृतक आश्रितों और घायलों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई है। अब गुरुवार को यूपी तथा केंद्र सरकार के मंत्री घटनास्थल का निरीक्षण करने जा रहे हैं।
ऐस पाइप में अचानक धमाका
नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन (एनटीपीसी) ऊंचाहार परियोजना के संयंत्र क्षेत्र में नवनिर्मित पांच सौ मेगावाट क्षमता की छठी इकाई में बिजली उत्पादन का काम चल रहा था। शाम करीब पांच बजे ब्वॉयलर की ऐश पाइप में अचानक तेज आवाज के साथ धमाका हो गया। लगभग 90 फीट ऊंचाई पर विस्फोट हुआ और प्लांट के चारों ओर गर्म राख फैल गई।
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ब्वॉयलर के आसपास निजी कंपनी के दो सौ से ज्यादा श्रमिक, एनटीपीसी के कर्मचारी व अधिकारी काम में जुटे थे। ये सभी राख की चपेट में आ गए। हादसे की सूचना पर एनटीपीसी प्रबंधन सक्रिय हुआ। गर्म राख को हटाकर घायलों को बाहर निकालने का काम शुरू हुआ। सबसे पहले घायलों को एनटीपीसी अस्पताल लाया गया। फिर उनकी गंभीर हालत को देखते हुए रायबरेली या लखनऊ रेफर किया जाने लगा।
जानकारी के मुताबिक यह हादसा एनटीपीसी ऊंचाहार की 500 मेगावाट की छठी यूनिट हुआ है। इस हादसे में 25 लोगों को पहले एनटीपीसी अस्पताल में ही भर्ती कराकर उपचार कराया गया । शेष घायलों को निकाला जाने की कार्रवाई के बीच अधिकारियों ने यूनिट को सील कर दिया है। वहां किसी को जाने की अनुमति नहीं है। लोगों ने कई शवों को निकाले जाते देखा है। बताया गया है कि जिन लोगों की सांसे थम गई थीं उन्हें एनटीपीसी परिसर में ही रोक लिया गया जिनकी सांसे चल रहीं थी उन्हें ही बाहर के अस्पतालों तक पहुंचाया गया। हादसा बहुत भयावह है। कितने जख्मी कितनी मौत कुछ कहा नहीं जा सकता है।
हादसे से जुड़े कुछ खास तथ्य
- यूनिट और उसके आसपास करीब 200 कर्मचारी मौजूद थे
- लगभग 90 फीट ऊंचाई पर ऐस पाइप में विस्फोट हुआ
- आग लगने के बाद लपटों में घिरकर सब इधर भागने लगे।
- पुलिस और पीएसी के अलावा पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे।
- दर्जनों एम्बुलेंस से घायलों को जिला अस्पताल ले जाया गया।
- कुछ श्रमिकों की हालत नाजुक देखते लखनऊ रेफर किया गया
- फ़िलहाल हादसा कैसे हुआ इसकी अधिकारी जांच कर रहे हैं।
- आग ऊंचाहार एनटीपीसी की 500 मेगावाट यूनिट में लगी।
- परियोजना ने हाइड्रो टेस्टिंग में रिकार्ड स्थापित किया है।
- बुधवार दोपहर बाद के हादसे ने सबको झकझोर दिया है।
- एनटीपीसी बॉयलर फटने से 200 से अधिक मजदूर झुलसे हैं।
- इस भयावह हादसे में 30 श्रमिकों की झुलसकर मौत है।
- बड़ी संख्या में लोगों के दबे होने की आशंका बरकरार
- लखनऊ केजीएमयू में पचास बेड आरक्षित किए गए।
#SpotVisuals from Raebareli: Ash-pipe explosion at NTPC plant; at least 100 injured. pic.twitter.com/cgnaelrko3 — ANI UP (@ANINewsUP) November 1, 2017
शाम सात बजे तक एनटीपीसी अस्पताल में 110 और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सात घायलों को भर्ती कराया गया। बाद में इनमें से 18 गंभीर घायलों को जिला अस्पताल लाया गया। हादसे में 30 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से बिहार के कंचन और हबीबुल्ला, लखनऊ के संजय पटेल, मध्य प्रदेश के राम रतन, अवधेश जायसवाल निवासी बिकई ऊंचाहार, जितेंद्र चौधरी, प्यारेलाल, गफ्फूर, सच्चिदानंद, अनंतपाल, फैज्जुला, बालकृष्ण और रवींद्र शिनाख्त हो सकी है। एनटीपीसी के अतिरिक्त महाप्रबंधक प्रभात श्रीवास्तव, मिश्रीलाल और संजीव सक्सेना भी गर्म राख की चपेट में आ गए। तीनों को गंभीर हालत में लखनऊ रेफर किया गया है।