रायबरेली में रोडवेज की 30 फीसदी बसों में नहीं लगीं फॉग लाइटें, धुंध में बढ़ा हादसों का खतरा
रायबरेली में रोडवेज की 30 फीसदी बसों में फॉग लाइटें नहीं लगी हैं, जिससे घने कोहरे में दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। दृश्यता कम होने के कारण चालकों को ...और पढ़ें

रोडवेज की 30 फीसदी बसों में नहीं लगीं फॉग लाइटें।
जागरण संवाददाता, रायबरेली। जिले में इन दिनों पड़ रही घनी धुंध को देखते हुए रोडवेज प्रबंधन ने बसों की सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। धुंध के कारण दृश्यता कम होने से होने वाले हादसों को रोकने के लिए बसों में फॉग लाइटें लगाने का काम किया जा रहा है।
विभागीय आंकड़ों के अनुसार अभी तक करीब 70 फीसदी बसों में फॉग लाइटें लगाई जा चुकी हैं, जबकि लगभग 30 फीसदी बसें अब भी इस सुविधा से वंचित हैं।
फॉग लाइटें धुंध के समय कुछ मीटर तक सड़क को साफ देखने में मदद करती हैं, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका कम हो जाती है। जिले के रोडवेज डिपो से दिल्ली, हरिद्वार, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी जैसे लंबे रूटों पर रोजाना बसों का संचालन होता है।
अधिकतर बसें रात के समय लौटती हैं, ऐसे में धुंध के दौरान सामान्य हेडलाइट के सहारे बस चलाना जोखिम भरा हो जाता है। यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए सबसे पहले लंबी दूरी की बसों में फॉग लाइटें लगाई गई हैं।
वहीं, लोकल रूट की कई बसों में अब तक फॉग लाइटें नहीं लग पाई हैं। इससे आसपास के क्षेत्रों में चलने वाली बसों के चालकों को धुंध में काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। इसके साथ ही कई बसों में रिफ्लेक्टर न होने या पेंट के दौरान रिफ्लेक्टर पर रंग चढ़ जाने की समस्या भी सामने आई है।
धुंध में रिफ्लेक्टर काम न करने से पीछे से आने वाले वाहन बस को समय पर नहीं देख पाते, जिससे टक्कर का खतरा बढ़ जाता है। बस चालकों का कहना है कि फॉग लाइटें और सही रिफ्लेक्टर होने से धुंध में ड्राइविंग आसान हो जाती है और हादसों का जोखिम कम होता है।
क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी का कहना है कि रोडवेज की ओर से फॉग लाइटें लगाने का काम लगातार जारी है। पहले लंबी दूरी की बसों को प्राथमिकता दी गई है, इसके बाद शेष बसों में भी जल्द यह व्यवस्था पूरी कर ली जाएगी।

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