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    किसान को मृत दिखाकर कराई वरासत, लेखपाल व राजस्व निरीक्षक समेत चार पर मुकदमा

    By Safeer Ahmed Edited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Fri, 26 Dec 2025 06:01 PM (IST)

    Raibareilly Crime News: राम किशुन का आरोप है कि बखतखेर मजरे मोन की रामरती ने छेद्दू की बहन बनकर छह फरवरी 2024 को नायब तहसीलदार न्यायालय में उसकी भूमि ...और पढ़ें

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    तत्कालीन राजस्व निरीक्षक, लेखपाल समेत चार लोगों के विरुद्ध केस 

    संवाद सूत्र, जागरण, रायबरेली : महराजगंज क्षेत्र में 40 वर्षों से लापता किसान को मृत दिखाकर एक महिला ने उसकी 19 बिसवा भूमि अपने नाम दर्ज करा ली। इस मामले में न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने तत्कालीन राजस्व निरीक्षक, लेखपाल समेत चार लोगों के विरुद्ध केस दर्ज किया है।

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    अमेठी जनपद के अमिलिहा थाना मोहनगंज निवासी राम किशुन ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में याचिका दायर कर बताया कि उनके ममेरे भाई महराजगंज के पूरे अचली गांव के छेद्दू मानसिक रूप से अस्वस्थ थे। छेद्दू करीब 40 वर्ष पहले अचानक घर से लापता हो गए, जिनका अब तक कहीं पता नहीं चला।

    राम किशुन का आरोप है कि बखतखेर मजरे मोन की रामरती ने छेद्दू की बहन बनकर छह फरवरी 2024 को नायब तहसीलदार न्यायालय में उसकी भूमि का वारिस होने व भूमि अपने नाम दर्ज करने का आवेदन किया। आवेदन में छेद्दू को 24 अप्रैल 1993 में मृतक होना दिखाया गया। तीन अक्टूबर 2024 को रामरती ने न्यायालय से आवेदन वापस ले लिया।

    राम किशुन के अनुसार अक्टूबर 2024 में निर्वाचन आयोग ने छेद्दू का मतदाता पहचान पत्र जारी किया गया। जिस पर रामरती ने 15 अप्रैल 2025 को अपने रिश्तेदार मझिगवां हरचंदपुर निवासी दयाराम के साथ मिलकर तहसीलदार न्यायालय में ही वरासत का दूसरा आवेदन पत्र दिया। इसके साथ ही दाखिल किए गए मृत्यु प्रमाण पत्र में छेद्दू की मृत्यु 16 जनवरी 2014 दर्शाई गई।

    कोतवाल जगदीश यादव का कहना है कि न्यायालय के आदेश पर तत्कालीन लेखपाल राजीव मिश्रा, राजस्व निरीक्षक अजय, रामरती व दयाराम के विरुद्ध केस दर्ज किया गया है। लेखपाल राजीव मिश्रा का कहना है कि प्रकरण में प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर छेद्दू की उत्तराधिकारी उसकी बहन रामरती का नाम राजस्व अभिलेखों में अंकित किया गया था।

    मृत्यु प्रमाण पत्र विवादित होने की सूचना संज्ञान में आने के बाद रिपोर्ट तहसीलदार को दी गई है। रिपोर्ट के आधार पर रामरती का नाम राजस्व अभिलेखों से निरस्त कर दिया गया है। उपजिलाधिकारी गौतम सिंह का कहना है कि मामले की जांच कराई जाएगी। यदि राजस्व कर्मचारी दोषी मिले तो विभागीय कार्रवाई भी होगी।