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    अखि‍लेश यादव के करीबी रहे हैं वासुदेव यादव, सरकार बनते ही माध्यमिक शिक्षा के बन गए थे निदेशक; अब होगी कार्रवाई!

    आय से अधिक संपत्ति मामले में गिरफ्तार पूर्व एमएलसी वासुदेव यादव समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के करीबी रहे हैं। वासुदेव यादव सिर्फ सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के ही करीबी नहीं रहे बल्कि पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव के भी बेहद नजदीकी हैं। पार्टी में वासुदेव यादव की अपनी अलग पहचान है। यही वजह है कि उनकी बात को कभी अनसुना नहीं किया जाता।

    By rajendra yadav Edited By: Vinay Saxena Updated: Wed, 05 Mar 2025 11:58 AM (IST)
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    सपा मुखि‍या अखि‍लेश यादव, वासुदेव यादव।- फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। आय से अधिक संपत्ति मामले में गिरफ्तार पूर्व एमएलसी वासुदेव यादव समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के करीबी रहे हैं। पार्टी में उनकी अच्छी पैठ भी है। यही वजह रही कि वर्ष 2012 में जब सपा की सरकार बनी तो कुछ ही दिन बाद उन्हें माध्यमिक शिक्षा निदेशक बना दिया गया था। यही नहीं 2014 में सेवानिवृत्त के बाद सपा ने उन्हें एमएलसी का टिकट दिया और वह विजयी होकर विधान परिषद में पहुंच गए।

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    वासुदेव यादव सिर्फ सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के ही करीबी नहीं रहे, बल्कि पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव के भी बेहद नजदीकी हैं। पार्टी में वासुदेव यादव की अपनी अलग पहचान है। यही वजह है कि उनकी बात को कभी अनसुना नहीं किया जाता।

    बेटी ने 2017 में लड़ा था व‍िधानसभा चुनाव

    वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपनी पुत्री निधि यादव के लिए टिकट मांगा। निधि लंबे समय से पार्टी से जुड़ी भी थीं और उनकी मेहनत को देखते हुए पार्टी ने उन पर विश्वास जताते हुए हंडिया विधानसभा सीट से मैदान में उतारा था। हालांकि, वह चुनाव हार गईं थीं, लेकिन सपा के वोट प्रतिशत को बढ़ा दिया था। इसके बाद निधि के साथ ही वासुदेव यादव का पार्टी में कद और बढ़ गया था। उनकी पुत्री को पार्टी ने कई पदों पर नियुक्त किया और वर्तमान में वह राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं।

    सपा ने एमएलसी चुनाव में मैदान में उतारा था

    वहीं, वासुदेव यादव को वर्ष 2022 में सपा ने एक बार फिर एमएलसी चुनाव में मैदान में उतारा, लेकिन इस बार भाजपा उम्मीदवार डॉ. केपी श्रीवास्तव से वह पराजित हो गए। जबकि इसके पहले उन्होंने भाजपा प्रत्याशी रईश चंद्र शुक्ला को हराकर एमएलसी का चुनाव जीता था। आय से अधिक संपत्ति के दर्ज मामले को लेकर वह हमेशा यही कहते हैं कि उनके ऊपर गलत आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कराया गया है।

    पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को नहीं लगी भनक

    वासुदेव यादव की गिरफ्तारी की जानकारी पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को करीब एक घंटे बाद मिली। किसी की समझ में नहीं आया कि आखिर अचानक उनकी गिरफ्तारी कैसे हो गई, लेकिन कुछ ही देर बाद पूरा मामला सामने आ गया।

    बता दें, आय से अधिक संपत्ति मामले में यूपी बोर्ड के पूर्व निदेशक और पूर्व एमएलसी वासुदेव यादव को पुलिस ने मंगलवार को प्रयागराज से गिरफ्तार कर वाराणसी में एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश किया था। मुकदमे की तय तिथि पर उपस्थित होने के लिए अदालत ने वासुदेव यादव को कई बार समन जारी किया था। उपस्थित न होने पर गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।

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