सपा के पूर्व MLC वासुदेव यादव गिरफ्तार, आय से अधिक संपत्ति के मामले में वाराणसी पुलिस ने पकड़ा
समाजवादी पार्टी के पूर्व एमएलसी वासुदेव यादव को आय से अधिक संपत्ति के मामले में वाराणसी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था। उन्हें जार्जटाउन स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया और वाराणसी पुलिस अपने साथ ले गई। (Former MLC) पूर्व एमएलसी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा चल रहा है।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। आय से अधिक संपत्ति मामले में यूपी बोर्ड के पूर्व निदेशक तथा पूर्व एमएलसी वासुदेवा यादव को पुलिस ने मंगलवार को प्रयागराज से गिरफ्तार कर वाराणसी में एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश किया। मुकदमे की तय तिथि पर उपस्थित होने के लिए अदालत ने वासुदेव यादव को कई बार समन जारी किया था। उपस्थित न होने पर गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
अदालत में पेश किए जाने पर वासुदेव यादव की ओर से अंतरिम जमानत का प्रार्थना पत्र भी प्रस्तुत किया गया। इस पर अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी विनय कुमार सिंह ने विरोध जताया। विशेष न्यायाधीश यजुवेंद्र विक्रम सिंह ने अंतरिम जमानत याचिका को निरस्त करते हुए उन्हें जेल भेज दिया। इससे पहले वासुदेव यादव की अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र एमपी-एमएलए कोर्ट ने 19 फरवरी को निरस्त कर दिया था।
चार साल पहले दर्ज हुआ था मुकदमा
सतर्कता अधिष्ठान प्रयागराज ने छह अप्रैल 2021 को वासुदेव यादव पर मुकदमा पंजीकृत किया था। विवेचना के बाद सतर्कता अधिष्ठान ने वासुदेव यादव के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में 18 जनवरी 2024 को न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित कर दिया। उधर, पूर्व एमएलसी ने अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की। उनकी ओर से दलील दी गई कि उनके ऊपर गलत आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कराया गया।
अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान अभियोजन की तरफ से एडीजीसी विनय कुमार सिंह व ओंकार नाथ तिवारी ने विरोध जताते हुए अदालत में पक्ष रखा। कहा कि प्रयागराज के जार्जटाउन निवासी वासुदेव यादव की नौकरी की अवधि में अर्जित संपत्तियों की जांच के लिए वर्ष 2017 में शासन ने आदेश पारित किया था।
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इस आदेश के परिप्रेक्ष्य में सतर्कता अधिष्ठान ने जांच किया तो पता चला कि वासुदेव यादव ने अपनी नौकरी की अवधि में एक करोड़ 69 लाख 19 हजार 159 रुपये की आय प्राप्त की। इस दौरान उनके द्वारा अर्जित संपत्ति एवं व्यय की गई राशि का मूल्य छह करोड़ 67 लाख 68 हजार 172 रुपये पाए जाने की पुष्टि हुई। इस जांच रिपोर्ट के आधार पर सतर्कता अधिष्ठान ने मुकदमा दर्ज किया।
आरोप पत्र में 29 गवाहों के नामों का उल्लेख किया गया
आरोप पत्र में 29 गवाहों के नामों का उल्लेख किया गया। वासुदेव यादव को उपस्थित होने के लिए अदालत ने समन जारी किया। वह उपस्थित नहीं हुए तो अदालत ने 13 जनवरी 2025 को गैर जमानती वारंट जारी कर दिया और इसका पालन कराने के लिए अपर पुलिस आयुक्त (अपराध) को आदेश दिया। गौरतलब है कि वासुदेव यादव ने शिक्षा विभाग में एक सितंबर 1978 को अधिकारी के पद पर नौकरी ज्वॉइन की थी और 31 मार्च 2014 को माध्यमिक शिक्षा परिषद के निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। इसके बाद विधान परिषद के सदस्य बने।

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