UP News: महिला की एक शिकायत पर डॉक्टर प्रवीण गिरफ्तार, पांच साल से गोरखपुर में चला रहा था फर्जी अस्पताल
गोरखपुर में एक महिला की शिकायत पर फर्जी डिग्री से अस्पताल चलाने वाले डॉक्टर प्रवीण सिंह को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी ने रूस से डॉक्टरी की पढ़ाई की थी लेकिन भारत में मान्य एफएमजीई परीक्षा पास नहीं की थी। इसके बावजूद वह पांच साल से गोरखपुर में अर्पित हाॅस्पिटल चला रहा था। वह बीआरडी में आने वाले मरीजों को दलालों के माध्यम से अपने अस्पताल में भर्ती कराता था।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। फर्जी डिग्री से अर्पित हॉस्पिटल चलाने वाले डाॅ. प्रवीण सिंह को गुलरिहा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। रविवार की रात 10:10 बजे सहजनवां के डोहरिया कला से पकड़े गये आरोपित ने रुस से डाॅक्टर की पढ़ाई की है। भारत आने के बाद इसने एफएमजीई (फारेन मेडिकल ग्रैजुएट एक्जाम) की परीक्षा नहीं पास की थी।
इस वजह से रूस की डिग्री भारत में मान्य नहीं है। इसके बाद भी पांच वर्ष से यह हाॅस्पिटल संचालित कर रहा था। बीआरडी में आने वाले रोगियों को यह दलालों के माध्यम से हाॅस्पिटल में भर्ती कराता था और उनसे मोटी रकम वसूलता था। देवरिया जिले के सलेमपुर की रहने वाली लक्ष्मी देवी की शिकायत के बाद यह चर्चा में आया। इसने लक्ष्मी की देवरानी लीलावती के बच्चे को गलत इंजेक्शन देकर जान से मारने की धमकी दी थी।
डाॅ. प्रवीण सिंह मूल रूप से देवरिया जिले के बरहज क्षेत्र के बेलदार गांव का रहने वाला है। पांच वर्ष पहले रूस से एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान ही चिलुआताल क्षेत्र के करीम नगर में इसने अर्पित नाम से हाॅस्पिटल खोला। डिग्री मिलने के बाद इसने हाॅस्पिटल के बोर्ड पर डाॅ. पी. सिंह डीएनबी मेडिसिन नाम लिखवाया।
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हाॅस्पिटल में रोगियों की ओपीडी संचालित नहीं होने से हास्पिटल का बिल व भाड़ा बढ़ने लगा तो मैनेजर तुषार टेकड़ीवाल को रखा। इसके बाद बीआरडी में आने वाले रोगियों को अपने हाॅस्पिटल में भर्ती कराने के लिए अमन समेत 10 दलालों को और 108 नंबर एंबुलेंस चालकों से संपर्क धंधा शुरु किया।
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गोरखपुर पुलिस मामले की जांच में जुटी है। जागरण
22 जनवरी को देवरिया जिले के सलेमपुर के भरौली निवासी लक्ष्मी देवी की शिकायत के बाद इसके अवैध धंधे का मामला उजागर हुआ। लक्ष्मी देवी ने गुलरिहा थाने में दी तहरीर में बताया कि 17 जनवरी को देवरानी लीलावती देवी के बच्चे की तबीयत बिगड़ने पर 108 नंबर एंबुलेंस से बीआरडी मेडिकल काॅलेज पहुंची।
यहां जगह नहीं मिलने पर चालक व इएमटी ने भय दिखाकर अर्पित हाॅस्पिटल भेज दिया था। पांच दिन उपचार कराने के बाद भी बच्चे की हालत में सुधार नहीं हुआ। संचालक ने 60 हजार रुपये भी वसूल लिए। रेफर करने को कहा तो डाॅ. प्रवीण बच्चे को मारने धमकी दी। पुलिस केस दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरु की तो डाॅ. प्रवीण के अवैध धंधे का पर्दाफाश हुआ।
डाॅ. साकेत के नाम से रजिस्टर्ड हाॅस्पिटल होगा सील
अर्पित हाॅस्पिटल का रजिस्ट्रेशन डा. साकेत सलीम के नाम से है। सीओ गोरखनाथ रवि कुमार सिंह ने बताया कि डाॅ. साकेत मूल रूप से गीता प्रेस गोरखपुर के रहने वाले है, लेकिन इस समय उनका लोकेशन बिहार में मिल रहा है। पुलिस उनसे संपर्क करने की कोशिश में है। डाॅ. प्रवीण ही इसे चलाता था। गिरफ्तारी के बाद हाॅस्पिटल सील करने के लिए सीएमओ को पत्र लिखा गया है। डाॅ. साकेत सलीम का नाम हास्पिटल के बोर्ड पर नहीं है, लेकिन उस पर 15 चिकित्सकों का नाम लिखा है।
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हाॅस्पिटल संचालक डा. प्रवीण सिंह के विरुद्ध साक्ष्य मिलने पर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। जिस डाॅक्टर के नाम से रजिस्ट्रेशन है और बोर्ड पर लिखे डाॅक्टरों नाम की भी स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से जांच की जाएगी। कई और निजी एंबुलेंस चालक और दलालों की तलाश चल रही है। हाॅस्पिटल को सील करने के लिए सीएमओ को पत्र लिख दिया गया है। -अभिनव त्यागी, एसपी सिटी
प्रवीण ने 30 लाख रुपये का लिया है ऋण
सीओ गोरखनार्थ ने बताया कि फर्जी तरीके से हाॅस्पिटल संचालित करने वाले डाॅ. प्रवीण ने ऐशो आराम की जिंदगी जिने के लिए बैंक से 30 लाख रुपये का ऋण भी ले रखा है। जमा नहीं कर पाने पर उसने अवैध धंधे को अपनाया और जल्द से जल्द ज्यादा रकम कमाने की लालच कर रहा था। इसके द्वारा रखे गए 10 दलालों में से एक अमन को गिरफ्तार किया जा चुका है। नौ की तलाश चल रही है।

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