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    उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की अध्यक्ष प्रो. कीर्ति पाण्डेय ने दिया इस्तीफा, वजह ये बताई

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 04:22 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की अध्यक्ष प्रो. कीर्ति पाण्डेय ने निजी कारणों से इस्तीफा दे दिया है। व्यक्तिगत कारणों से 22 सितंबर को त्यागपत्र दिया है जिसे स्वीकार कर लिया गया है। उन्होंने पांच सितंबर 2024 को पदभार ग्रहण किया था। अपने एक वर्ष के कार्यकाल में वह एक भी नई शिक्षक भर्ती नहीं करा सकीं।

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    कार्यवाहक अध्यक्ष बनाए गए शिक्षा सेवा चयन आयोग के वरिष्ठ सदस्य राम सुचित (माला पहने हुए), मध्य में कीर्ति पाण्डेय।

    राज्य ब्यूरो, प्रयागराज। बेसिक से लेकर एडेड माध्यमिक, एडेड महाविद्यालय, अल्पसंख्यक कालेज, अटल आवासीय एवं कई अन्य शिक्षण संस्थानों में शिक्षक भर्तियां करने के लिए गठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की अध्यक्ष प्रो. कीर्ति पाण्डेय ने पद से त्यागपत्र दे दिया है।

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    व्यक्तिगत कारणों से 22 सितंबर को त्यागपत्र दिया है, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। उन्होंने पांच सितंबर 2024 को पदभार ग्रहण किया था। अपने एक वर्ष के कार्यकाल में वह एक भी नई शिक्षक भर्ती नहीं करा सकीं। जिन पुरानी भर्तियों के लिए पूर्व में आवेदन लिए गए थे, उसे भी पूर्ण कराने में वह असफल रहीं। उनके इस्तीफे की अफवाह चार दिन से चल रही थी।

    गोरखपुर के पक्कीबाग अखाड़ा कंपाउंड, दुर्गाबाड़ी चौक निवासी एवं गोरखपुर विश्वविद्यालय की प्रो. कीर्ति पाण्डेय आयोग की पहली पूर्णकालिक अध्यक्ष नियुक्त की गई थीं। आयोग का गठन सभी 12 सदस्यों के गठन के साथ 15 मार्च 2024 को हुआ था। आयोग अपने गठन के शुरुआती समय से ही हिचकोले खा रहा है।

    नई शिक्षक भर्तियां कराने के अलावा इस आयोग को वर्ष 2022 की प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) ए ं प्रवक्ता संवर्ग (पीजीटी) की 4163 पदों की भर्ती करानी थी। इन दोनों भर्तियों के लिए आयोग ने तीन-तीन बार तिथि घोषित की, लेकिन हर बार परीक्षा टाल दी गई। पीजीटी परीक्षा 18,19 जून को प्रस्तावित थी, लेकिन एक सप्ताह से भी कम रह जाने पर आयोग ने न तो प्रवेश पत्र जारी किया और न ही परीक्षा स्थगन की सूचना दी।

    ऐसे में नाराज अभ्यर्थियों ने आयोग का घेराव किया तब आयोग ने अगस्त के अंतिम सप्ताह में परीक्षा कराने की लिखित जानकारी दी। इसके अलावा एडेड महाविद्यालय के लिए वर्ष 2022 की असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के 910 पदों की लिखित परीक्षा 16,17 अप्रैल को जैसे-तैसे कराई, लेकिन उसकी शुचिता पर प्रश्नचिह्न लग गया।

    ऐसे में शासन ने इस भर्ती की आगे की प्रक्रिया में आयोग का सहयोग करने के नाम पर चार सदस्यीय समिति गठित कर दी थी। इसके बाद चार सितंबर को परिणाम घोषित करने के साथ-साथ दो चरणों में 25 सितंबर से साक्षात्कार कराए जाने की तिथि भी घोषित की गई।

    इधर परिणाम के साथ जारी कटआफ देखकर कई विषयों के अभ्यर्थियों ने इसमें गड़बड़ी के आरोप लगाए। अंतिम उत्तरकुंजी नहीं जारी किए जाने से भी अभ्यर्थियों में गुस्सा था। दोनों मामलों के लेकर हाई कोर्ट में याचिकाएं लगाई गईं। इधर, साक्षात्कार तिथि तक साक्षात्कार पत्र ही नहीं जारी किए गए, जिससे साक्षात्कार नहीं हो सका।

    मामले में गुरुवार को आयोग की अध्यक्ष ने बैठक कर असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परिणाम पर अभ्यर्थियों से तीन अक्टूबर तक आपत्तियां लेकर उसे निस्तारित करने के बाद नई तिथि घोषित कर साक्षात्कार कराए जाने का निर्णय लिया और शनिवार को विशेष सचिव गिरिजेश कुमार त्यागी ने उनका त्यागपत्र स्वीकार किए जाने का पत्र जारी किया। इसी के साथ आयोग के वरिष्ठतम सदस्य रामसुचित को अध्यक्ष के रूप में दिन-प्रतिदिन के कार्यों के लिए अधिकृत किया गया है।

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