UPPSC Admit Card : पीसीएस-2025 प्रारंभिक परीक्षा का प्रवेश पत्र जारी, 75 जिलों के 1435 केंद्रों पर होगी परीक्षा
UPPSC Admit Card उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2025 का प्रवेश पत्र जारी कर दिया है। यह परीक्षा 12 अक्टूबर को प्रदेश के 75 जिलों के 1435 केंद्रों पर होगी जिसमें 626387 उम्मीदवार शामिल होंगे। परीक्षा दो पालियों में आयोजित की जाएगी और नकल या प्रश्नपत्र लीक होने पर एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना और आजीवन कारावास हो सकता है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, प्रयागराज। UPPSC Admit Card उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा-2025 एवं सहायक वन संरक्षक/क्षेत्रीय वन अधिकारी सेवा (प्रा.) परीक्षा-2025 का प्रवेश पत्र जारी कर दिया है।
अब आयोग की वेबसाइट से अपना प्रवेश पत्र और दिशा-निर्देश ओटीआर नंबर के माध्यम से डाउनलोड कर सकते हैं। परीक्षा का आयोजन 12 अक्टूबर (रविवार) को पूरे प्रदेश के 75 जिलों में स्थित 1435 केंद्रों पर दो पालियों में किया जाएगा। परीक्षा में 6,26,387 उम्मीदवार है।
पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा की प्रथम पाली सुबह 9:30 से 11:30 बजे तक चलेगी। द्वितीय पाली की परीक्षा दोपहर 2:30 से 4:30 बजे तक होगी। प्रवेश परीक्षा शुरू होने से एक घंटा 30 मिनट पूर्व से मिलेगा और शुरू होने से 45 मिनट पहले प्रवेश द्वार बंद कर दिए जाएंगे। अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र पर दो नवीनतम फोटो, एक वैध आइडी प्रूफ की मूल व छायाप्रति लाना अनिवार्य है।
आयोग ने परीक्षा में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए चेतावनी दी है कि उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम-2024 के तहत नकल, प्रश्नपत्र लीक या किसी भी प्रकार की अनुचित गतिविधि पर सख्त कार्रवाई होगी। परीक्षा नियंत्रक हर्ष देव पांडेय के अनुसार दोषी पाए जाने पर एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना और आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।
परीक्षा को लेकर बेहद सतर्क है आयोग
पीसीएस-प्रारंभिक परीक्षा 2025 के सफल आयोजन को लेकर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग बेहद सतर्क है। पिछले दिनों आयोग में नोडल अधिकारियों के साथ बैठक में निगरानी के हाइटेक इंतजामों की जानकारी दी गई। साथ ही परीक्षा में किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए आयोग ने अंतरीक्षकों को दो स्तरीय प्रशिक्षण कराने का निर्णय लिया गया है। पहला प्रशिक्षण उनको जिले स्तर पर और दूसरा प्रशिक्षण केंद्र पर मिलेगा। पूर्व में अंतरीक्षकों को केवल केंद्र पर ही प्रशिक्षण दिया जाता था।
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