UP News: बिहार के बेतिया राजघराने की संपत्ति का होगा सर्वे, अंग्रेजों ने कर लिया था कब्जा
अंग्रेजों के कब्जे में रही बेतिया राजघराने की संपत्ति का सर्व कराया जाएगा। राजघराने की जमीन आजादी के बाद सरकार के अधीन चली गई लेकिन इसकी कई संपत्तियों ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। तीर्थराज में स्थित बिहार के बेतिया राजघराने की संपत्ति का सर्वे कराया जाएगा। इसके लिए बिहार के मुख्य सचिव और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव स्तर पर वार्ता हो चुकी है। दोनों मुख्य सचिवों की वार्ता के बाद यह तय हुआ है कि राजस्व परिषद के अफसरों की कमेटी पहले इस राजघराने की संपत्ति का निरीक्षण करेगी।
राजघराने की प्रयागराज में स्थित संपत्तियों के निरीक्षण के लिए गुरुवार को बिहार राजस्व परिषद के सचिव गिरिवर दयाल सिंह आएंगे। उनके साथ उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद और सदर तहसील के अधिकारी भी होंगे। सुबह से ही यह उच्च स्तरीय कमेटी बेतिया राजघराने की संपत्तियों का सर्वे करेगी।
प्रयागराज में देश के विभिन्न राज्यों में स्थित राजघरानों की कोठियां, महल, मंदिर व धर्मशालाएं समेत अन्य संपत्तियां हैं। इन संपत्तियों पर अरसे से कब्जा है। कई राजघरानों की संपत्तियों का मामला न्यायालयों में भी दशकों से विचाराधीन है।
एडीएम सिटी मदन कुमार ने बताया कि बेतिया राजघराने की संपत्तियों के सर्वे के लिए बिहार राजस्व परिषद के सचिव के आने का कार्यक्रम आया है।
दो राज्यों में बेतिया राज की 14 हजार एकड़ जमीन
उत्तर प्रदेश और बिहार में बेतिया राज की करीब 14 हजार एकड़ जमीन है। इसमें लगभग आठ हजार एकड़ जमीन का सर्वे हो चुका है। शेष का सर्वे हो रहा है। पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, छपरा, पटना, गोपालगंज, सिवान के अलावा यूपी के वाराणसी, प्रयागराज, अयोध्या, गोरखपुर, मीरजापुर, मैनपुरी, देवरिया, चंदौली, महराजगंज, आजमगढ़ और कुशीनगर में बेतिया की संपत्ति है। संपत्तियों में मंदिर के अलावा मठ, भवन व जमीन है। बेतिया राज ने बिहार के अलावा अन्य जगहों पर 56 मंदिरों की स्थापना कराई थी।
अंग्रेजों ने किया था बेतिया स्टेट पर कब्जा
बेतिया स्टेट की नींव 1629 में राजा उग्रसेन सिंह ने रखी थी। वर्ष 1659 में उनके देहांत के बाद एकमात्र पुत्र गज सिंह राजा बने। वर्ष 1763 में बेतिया स्टेट अंग्रेजों के अधीन काम करने लगा। बेतिया स्टेट के अंतिम राजा हरेंद्र किशोर सिंह को कोई संतान नहीं थी। संतान की चाह में उन्होंने दो शादियां कीं।
वर्ष 1893 में उनकी मृत्यु हो गई। राजा की पहली पत्नी महारानी शिवरतन कुंअर ने राज की बागडोर संभाली। फिर 1897 में महाराजा की दूसरी पत्नी महारानी जानकी कुंवर ने बेतिया राज की कमान संभाली। बाद में अंग्रेजों ने बेतिया स्टेट पर कब्जा कर लिया। आजादी के बाद इसकी जमीन सरकार के अधीन चली गई।

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