अखिलेश यादव ने शिक्षकों से ऋण वसूली के आदेश को बताया शर्मनाक, भाजपा सरकार पर बोला हमला
अखिलेश यादव ने सहकारी बैंक की ओर से शिक्षकों से ऋण वसूली करने का आदेश देने और फिर उसे निरस्त करने पर भाजपा पर हमला बोला है। सहकारी बैंक ने शिक्षकों से ऋण वसूली का आदेश दे दिया। यह शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की बदनीयती की जिस तरह फजीहत हुई है शायद वह अभ्यर्थियों से उसका बदला लेना चाहती थी।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बांदा जिला सहकारी बैंक की ओर से शिक्षकों से ऋण वसूली करने का आदेश देने और फिर उसे निरस्त करने पर भाजपा पर हमला बोला है।
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि हाई कोर्ट की ओर से 69 हजार शिक्षक भर्ती की मेरिट सूची नए सिरे से बनाने का आदेश दिए जाने के बाद सहकारी बैंक ने शिक्षकों से ऋण वसूली का आदेश दे दिया। यह शर्मनाक है। युवाओं के आक्रोश के कारण यह आदेश एक दिन भी नहीं टिक सका और एक ही दिन में ऋण वसूली के आदेश को रद करना पड़ा।
सपा प्रमुख ने कहा कि युवा शिक्षकों को इस आदेश को रद नहीं, स्थगित मानकर इसका भरपूर विरोध जारी रखना चाहिए। भर्ती हुए जिन शिक्षकों ने अपने घर-परिवार और बाकी सामान के लिए नौकरी की निरंतरता की उम्मीद पर कुछ ऋण लिया था, अब सरकार उनके घरों और सामान को कब्जे में लेने की साजिश कर रही है।
भाजपा सरकार की बदनीयती
शिक्षक भर्ती में उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की बदनीयती की जिस तरह फजीहत हुई है, शायद वह अभ्यर्थियों से उसका बदला लेना चाहती थी। पहले से ही नौकरी खोने के भय से डरे हुए शिक्षकों पर ऐसे आदेश से अत्यधिक मानसिक दबाव बढ़ेगा।
अखिलेश यादव ने कहा कि जब ऋण वसूली के लिए बैंक के कर्मचारी उनके घरों पर जाएंगे तो उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंचेगी। इसके दूरगामी नकारात्मक परिणाम निकलेंगे क्योंकि आर्थिक, सामाजिक और मानसिक रूप से प्रभावित शिक्षक का असर शिक्षण कार्य पर भी पड़ेगा, जिससे प्रदेश के बच्चों की शिक्षा और उनका भविष्य भी प्रभावित होगा।
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