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    Cyber Crime: प्रयागराज में ऑनलाइन गेम के दो और जालसाज पुलिस के शिकंजे में, कर चुके हैं ऐसी वारदात, जानकर उड़ जाएंगे होश

    Updated: Thu, 13 Jun 2024 11:43 AM (IST)

    आनलाइन गेमिंग के नाम पर उप्र-बिहार के लोगों को ठगने वाले गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ किया था। नैनी व एसओजी यमुनानगर की टीम ने गैंग के सरगना समेत 12 सदस्यों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में पता चला था कि ये तीन वेबसाइट लेजर 99 एक्सचेंज और 11 एक्स प्ले के माध्यम से क्रिकेट फुटबाल हाकी लूडो बाक्सिंग चेस कार रेस आदि खेलों में रुपये लगवाते थे।

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    जालसाजी करने वाले गिरोह के 12 सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद दो और सदस्य पुलिस के शिकंजे में आ गए।

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। आनलाइन गेम के जरिए जालसाजी करने वाले गिरोह के 12 सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद दो और सदस्य पुलिस के शिकंजे में आ गए हैं। इनके पास से कई मोबाइल, सिम व लैपटाप बरामद किया गया है। पूछताछ कर इनके अन्य साथियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। हालांकि, अभी पुलिस इस बारे में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन गुरुवार को इसका राजफाश वह कर सकती है।

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    आनलाइन गेमिंग के नाम पर उप्र व बिहार के लोगों को ठगने वाले गिरोह का यमुनानगर की पुलिस ने मंगलवार को भंडाफोड़ किया था। नैनी व एसओजी यमुनानगर की टीम ने गैंग के सरगना समेत 12 सदस्यों को गिरफ्तार किया था।

    पूछताछ में पता चला था कि ये तीन वेबसाइट लेजर, 99 एक्सचेंज और 11 एक्स प्ले के माध्यम से क्रिकेट, फुटबाल, हाकी, लूडो, बाक्सिंग, चेस, कार रेस आदि खेलों में रुपये लगवाते थे। 15 दिन में 2.53 करोड़ रुपये की कमाई की थी। मंगलवार शाम सभी 12 जालसाजों को जेल भेज दिया गया था।

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    सूत्रों के मुताबिक बुधवार को पुलिस ने नैनी क्षेत्र में कुछ स्थानों पर दबिश दी और गैंग के दो सदस्य को पकड़ लिया। इनके पास से मोबाइल, सिम, लैपटाप, आधारकार्ड आदि मिले हैं। एक रजिस्टर भी पुलिस के हाथ लगा है, जिसमें कितने रुपये लोगों से ठगे गए हैं, यह अंकित है।

    इन दोनों ने भी पटना के अररिया में ही प्रशिक्षण लिया था। इनको भी मैसेज रीड कर फारवर्ड करने का जिम्मा सौंपा गया था। साथ ही एक खाते में दस हजार रुपये से अधिक रकम एकत्र होने पर उसे झारखंड में बैठे गैंग के मुख्य मुखिया के खाते में ट्रांसफर करने की जिम्मेदारी मिली थी।

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    पुलिस इनसे इनके और साथियों के बारे में जानकारी जुटा रही है। प्रयागराज, बिहार के अलावा और कहां-कहां आनलाइन गेम के माध्यम से लोगों को ठगने का खेल किया गया है, इसका भी पता लगाया जा रहा है। इस बारे में अभी पुलिस का काेई अधिकारी कुछ नहीं बोल रहा है।

    अररिया में ट्रेनिंग के बाद तीन दिन पटना में खिलवाया था आनलाइन गेम

    आनलाइन गेमिंग से जालसाजी करने वाले गिरोह को पटना के अररिया में प्रशिक्षण देने के बाद यह क्या सीखे, इसका बकायदा देखा व समझा गया था। पटना में ही विजय निषाद, प्रवीण वर्मा, सूरज चौरसिया ने तीन दिन तक लोगों को आनलाइन गेम खिलवाया।

    वहीं पीयूष यादव उर्फ प्रिंस, घनश्याम वर्मा, हिमांशु यादव, मनीष निषाद, अजीम फरीद, शादाब, राहुल कामले, मो. समीर, आशुतोष यादव से एक दिन मैसेज फारवर्ड करवाया गया। दो और जालसाजों से भी ऐसा ही करने को कहा गया था। सब कुछ ठीक ठाक होने के बाद इन सभी को प्रयागराज भेज दिया गया। गैंग को चलाने की जिम्मेदारी विजय निषाद को सौंपी गई थी।

    साइबर सेल व एसटीएफ ने ली जानकारी

    आनलाइन गेमिंग से लोगों को ठगने का राजफाश होने के बाद साइबर सेल व एसटीएफ ने भी नैनी व एसओजी यमुनानगर से जानकारी ली है। जालसाजों के खिलाफ दर्ज रिपोर्ट की कापी दोनों टीमों ने ली है। कैसे यह गिरोह लोगों को अपने चंगुल में फंसाता था और कैसे रुपये खातों में ट्रांसफर होते थे, इसकी भी बिंदुवार जानकारी जुटाई। एसटीएफ इस राजफाश के बाद अब कड़ी से कड़ी जोड़ रही है, ताकि आगे इस तरह की कोई घटना हो तो वह जालसाजों तक तत्काल पहुंच सके।

    नौ शिकायतें आने के बाद जांच में जुटी पुलिस

    जालसाजों तक ऐसे ही पुलिस नहीं पहुंची थी। उसके पास नौ लोगों ने शिकायत की थी कि आनलाइन गेम के माध्यम से उनके साथ ठगी हुई है। पुलिस अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लिया था। सब कुछ आनलाइन था, इसलिए पीड़ित भी नहीं बता पा रहे थे कि कहां से यह पूरा खेल संचालित हो रहा था। नैनी पुलिस व एसओजी यमुनानगर की टीम ने जिन नंबरों से गेम खिलवाया जाता था, उसे ट्रेस करना शुरू किया और तब जाकर वह जालसाजों तक पहुंची।