Mahakumbh में 1100 लेकर घर बैठे डिजिटल स्नान करवा रहा ये युवक, ज्योतिषाचार्य बोले- इससे पाप नहीं धुलते
सोशल मीडिया पर महाकुंभ को लेकर इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें एक युवक डिजटल गंगा स्नान करवा रहा है। ये युवक इसे लिए 1100 रुपए की फीस भी ले रहा है। इस पर ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश शास्त्री जी महराज ने कहा कि फोटो लेकर डिजिटल स्नान कराने का कोई विधान शास्त्रों में नहीं है। ये पैसा कमाने का उपाय है। इससे कोई पुण्य लाभ नहीं है।

जागरण संवाददाता, महाकुंभ नगर। डिजिटल दर्शन, डिजिटल पूजा, डिजिटल दक्षिणा के बाद अब आ गया है डिजिटल स्नान। वह भी सीधे महाकुंभ में पवित्र त्रिवेणी पर। महाकुंभ में स्नान के लिए जो लोग नहीं पहुंच पा रहे हैं, उनको डिजिटल स्नान कराया जा रहा है। चौकिए नहीं, यह हम नहीं दीपक गोयल नामक युवक का दावा है।
इंटरनेट मीडिया पर एक ऐसा ही वीडियो इस समय प्रसारित हो रहा है, जिसमें युवक ने डिजिटल स्नान कराने का अपना आइडिया साझा किया है। उन्होंने बताया है कि यह उसका स्टार्टअप है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो
वीडियो प्रसारित हो चुका है और विभिन्न प्लेटफॉर्म पर प्रसारित है। अब इसे हजारों स्टार्टअप में से एक स्टार्टअप ही कहें या कुछ और यह तो श्रद्धालुओं की समझ में नहीं आ रहा लेकिन वीडियो पर युवक को जमकर खरी-खोटी सुनाई जा रही है।
खुद को प्रयागराज का बता रहा युवक
दरअसल प्रसारित वीडियो में युवक खुद को प्रयागराज का रहने वाला बता रहा है। वह कहता है कि आप लोग वाट्सएप पर मुझे अपनी फोटो भेजो और स्नान कराने के 1,100 रुपये। जैसे ही पैसे प्राप्त होंगे, आपकी फोटो को प्रिंट कराऊंगा और उसे संगम में डुबकी लगवा दूंगा। इस तरह आपको संगम स्नान का पुण्य मिल जाएगा।
युवक ने की स्टार्टअप की शुरुआत
युवक का दावा है कि वह डुबकी लगवाने के बाद उसका वीडियो भी बनाकर भेज देगा। उसने प्रयाग इंटरप्राइजेज के नाम से इसी महाकुंभ से अपने स्टार्टअप की शुरुआत की है।
डिजिटल स्नान से नहीं मिलता पुण्य
डिजिटल स्नान क्या है और इससे क्या कोई लाभ या पुण्य मिलेगा? इस पर सेक्टर नौ में वंदे गोमातरम शिविर के संचालक ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश शास्त्री जी महराज ने बताया कि फोटो लेकर डिजिटल स्नान कराने का कोई विधान शास्त्रों में नहीं है। ये आज कल अपना अलग प्रोफेशनल तरीका है और पैसा कमाने का उपाय। इससे कोई पुण्य लाभ नहीं है।
इन चीजों से मिलता पुण्या
हां पूजन के दौरान चेतना का आह्वान कर फोटो रख कर पूजा करवाई जा सकती है लेकिन स्नान विधि शास्त्र सम्मत नहीं है। आपके खून के रिश्ते, ईष्टजन अथवा पति-पत्नी जैसे संबंधों में अगर व्यक्ति संबंधित का नाम लेकर डुबकी लगाता है तो उन्हें पुण्य का लाभ अवश्य होता है। वस्त्र स्नान, जल व गंगा के बालू का स्नान, आचार्य द्वारा नाम और गोत्र का गंगा किनारे मंत्र जाप, दान, यज्ञ, अनुष्ठान आदि से पुण्य का लाभ होता है।
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