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    प्रयागराज IIIT के सिस्टम में सेंधमारी कर छात्रों ने बदले अपने अंक, निलंबित होने पर देने लगे सफाई

    Updated: Mon, 31 Mar 2025 10:47 PM (IST)

    प्रयागराज के भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) में आठ छात्रों ने संस्थान के ईआरपी सिस्टम को हैक कर अपने अंक बढ़ा लिए। इस मामले में छात्रों ...और पढ़ें

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    छात्रों ने ईआरपी सिस्टम का लॉगइन पासवर्ड हासिल कर ऑनलाइन नंबरों में हेरफेर किया था।

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) में सिस्टम में सेंधमारी कर नंबर बढ़ाने का मामला सामने आया है। संस्थान के आठ छात्रों ने अपने ही कालेज के ईआरपी सिस्टम को हैक कर अपने अंक बढ़ा लिए।

    इस डिजिटल खेल का पर्दाफाश हुआ, तो छात्रों को एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया और दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगा दिया गया है। बताया जा रहा है कि इन छात्रों ने ईआरपी सिस्टम का लॉगइन पासवर्ड हासिल कर ऑनलाइन नंबरों में हेरफेर किया था।

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    संदिग्ध गतिविधियां नजर आने पर हुआ खुलासा

    सूत्रों के मुताबिक, पिछले साल दिसंबर में इन छात्रों ने संस्थान के ईआरपी सिस्टम की सुरक्षा में सेंध लगाई और अपने ग्रेड्स में हेरफेर कर लिया, लेकिन मामला तब खुला जब संस्थान के आईटी विभाग को सिस्टम में संदिग्ध गतिविधियां नजर आईं। जब जांच शुरू हुई तो छात्रों ने खुद इस घटना की जानकारी प्रशासन को दे दी। 

    जनसंपर्क अधिकारी पंकज मिश्रा के अनुसार, संस्थान के इतिहास में पहली बार किसी छात्र ने सिस्टम को हैक किया है। घटना के बाद संस्थान ने ईआरपी सिस्टम की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। 

    वहीं, छात्रों का कहना इन छात्रों ने संस्थान की सुरक्षा खामियों को उजागर किया। इसे एथिकल हैकिंग बता रहे छात्रों को राहत नहीं मिली और उनको निलंबित किया गया है। 

    संस्थान प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई इसलिए की गई ताकि भविष्य में कोई भी छात्र इस तरह की हरकत न करे।

    कमजोर पासवर्ड व अनाधिकृत प्रवेश हो सकते हैं वजह

    संस्थान के विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी तकनीकी शिक्षक संस्थान के ईआरपी (इंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग) सिस्टम में सेंधमारी की आशंका रहती है, लेकिन इसकी संभावना ईआरपी सिस्टम की सुरक्षा संरचना, प्रबंधन, और उपयोगकर्ता व्यवहार पर निर्भर करती है । 

    यदि डिफॉल्ट पासवर्ड का उपयोग किया जाता है, जो आसानी से क्रैक किया जा सकता है। सरल जानकारी पर आधारित पासवर्ड को ब्रूट-फोर्स अटैक से आसानी से तोड़ा जा सकता है। 

    दूसरा कारण उपयोगकर्ताओं को जरूरत से अधिक अनुमतियां मिलना है। ऐसे में अगर कोई छात्र या कर्मचारी गलती से एडमिन एक्सेस प्राप्त कर ले तो वह डेटा को बदल सकता है या सिस्टम से छेड़छाड़ कर सकता है।

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