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    निस्तारण के इंतजार में धूल फांक रहीं सोशल आडिट की दो हजार आपत्तियां, लापरवाह सचिवों पर कार्रवाई का निर्देश

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Sun, 07 Dec 2025 02:44 PM (IST)

    प्रयागराज में उप निदेशक पंचायत सतीश कुमार ने जिला पंचायत कार्यालय में समीक्षा की। सोशल ऑडिट की दो हजार से अधिक आपत्तियां निस्तारण के इंतजार में हैं, ज ...और पढ़ें

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    जिला पंचायत स्थित कार्यालय में समीक्षा करते उपनिदेशक (पंचायत) सतीश कुमार। जागरण

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। ग्राम पंचायतों में तैनात सचिव सोशल आडिट के दौरान पकड़ी जाने वाली खामियों को लेकर गंभीर नहीं है। इनकी आपत्तियों के निस्तारण में ही रुचि नहीं दिखा रहे हैं। मंडल के चारों जनपदों में दो हजार से अधिक आपत्तियां निराकरण की राह देख रहीं हैं। शनिवार को समीक्षा के दौरान उप निदेशक पंचायत ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई। जिला पंचायत राज अधिकारियों को ऐसे लापरवाह सचिवों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने के आदेश दिए।

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    समीक्षा में स्थित बेहर खराब मिली

    गांवों में कराए जाने वाले विकास कार्यों का समय-समय पर आडिट होती हैं। कमियां मिलने पर आडिटर की ओर से आपत्तियां लगाई जाती हैं। वित्तीय वर्ष 2010-11 से लेकर वर्ष 2023-24 के बीच लगाई गईं आपत्तियों के निस्तारण की उपनिदेशक पंचायत सतीष कुमार ने समीक्षा की। इसमें उन्हें स्थित बेहद खराब मिली।

    526 आपत्तियां लंबित पड़ी हैं

    प्रयागराज की 265 ग्राम पंचायतों में 592 आपत्तियां लगी थी। 233 में कमियाें को दूर कर निस्तारण के लिए प्रत्रावली भेज दी गई। 526 आपत्तियां लंबित पड़ी हैं। कौशांबी के 309 गांवों में 890 आपत्तियां लगी थीं, जिनमें से 17 का निस्तारण हुआ। 124 को निस्तारण के लिए भेज दिया गया। 742 आपत्तियां अब लंबित हैं। प्रतापगढ़ के 446 गांवों में लगी 569 में से 16 आपत्तियों का निस्तारण हुआ है। 553 निस्तारण की राह देख रहीं हैं। इसी तरह फतेहपुर की 349 ग्राम पंचायतों में 475 खामियां पकड़ी गईं थीं। आडिटर ने आपत्तियां लगाईं, लेकिन निस्तारित सिर्फ 34 हो पाईं। 343 आपत्तियां अब भी लंबित हैं।

    कागजात न मिलने पर सचिव व प्रधान से वसूली

    उपनिदेशक ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई। चारों जनपदों के डीपीआरओ को दिसंबर के आखिर तक शतप्रतिशत आपत्तियों के निस्तारण का आदेश दिया। स्पष्ट कहा कि आपत्तियों के निराकरण में लापरवाही करने वाले सचिवों पर तत्काल कार्रवाई करें। संबंधित धनराशि की सचिव व प्रधान से वसूली करें। साथ ही दोनों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई भी करें। डीडी ने कहा कि इसमें शिथिलता बरने वाले अफसरों को बख्शा नहीं जाएगा।

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