Shri Krishna Janmabhoomi Case: श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शादी ईदगाह मामले में HC में सुनवाई टली, अब 6 जनवरी को होगी हियरिंग
मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में हाई कोर्ट में एक बार फिर सुनवाई टल गई है। अब हाई कोर्ट में अगली सुनवाई छह जनवरी 2025 को होगी। सोमवार को मस्जिद पक्ष उपस्थित नहीं हुआ। इस पर न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्र की एकल पीठ ने नई तिथि निर्धारित कर दी। इसके पहले भी सुनवाई टली थी।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह मस्जिद विवाद (Shri Krishna Janmabhoomi) मामले में अगली सुनवाई छह जनवरी 2025 को होगी। सोमवार को मस्जिद पक्ष (Shahi Idgah Masjid) उपस्थित नहीं हुआ। इस पर न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्र की एकल पीठ ने नई तिथि निर्धारित कर दी।
9 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में हुई थी सुनवाई
मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की एकल पीठ के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष के सीधे सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल करने पर मंदिर पक्ष के एक पक्षकार ने सोमवार को आपत्ति उठाई। कहा कि एकल पीठ के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट की ही खंडपीठ में अपील दाखिल करनी चाहिए थी।
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मंदिर पक्ष की ओर से बहस अभी जारी है और अब मामले में अगली सुनवाई सर्दी की छुट्टियों के बाद जनवरी में होगी। मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल कर इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें हाई कोर्ट की एकलपीठ ने मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से जुड़े 15 मूल मुकदमों को सुनवाई योग्य माना था। उन मुकदमों में मंदिर पक्ष की ओर से शाही ईदगाह मस्जिद को कृष्ण जन्मस्थान बताते हुए दावा किया गया है।
जनवरी में होगी अगली सुनवाई
हिन्दू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता के वकील बरुण कुमार सिन्हा ने कहा था कि विशेष अनुमति याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। उन्होंने अपनी दलीलों के समर्थन में हाई कोर्ट के अपील से संबंधित नियम चैप्टर 1, 5, 8, और 15 का हवाला दिया और कहा कि एकलपीठ के फैसले के खिलाफ स्पेशल अपील हाई कोर्ट की खंडपीठ में ही होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी नहीं दाखिल की जा सकती।
हालांकि पीठ ने सवाल किया था कि क्या ऐसी श्रेणी के कोई मामले हैं, जिनमें हाई कोर्ट की एकलपीठ के आदेश की खंडपीठ में अपील नहीं होती सीधे सुप्रीम कोर्ट आते हैं। कोर्ट का समय समाप्त हो जाने के कारण पीठ ने मामले को सर्दियों की छुट्टी के बाद जनवरी में सुनवाई के लिए लगाने का आदेश दिया था।
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