श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद पर मुस्लिम पक्ष की याचिका, मंदिर पक्ष ने फंसाया पेंच; पढ़ें SC में क्या दी गईं दलीलें
Mathura Shahi Idgah Case सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान मंदिर पक्ष के एक वकील ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की एकल पीठ के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष के सीधे सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल करने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि एकल पीठ के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट की ही खंडपीठ में अपील दाखिल करनी चाहिए थी।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की एकल पीठ के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष के सीधे सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल करने पर मंदिर पक्ष के एक पक्षकार ने सोमवार को आपत्ति उठाई। कहा कि एकल पीठ के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट की ही खंडपीठ में अपील दाखिल करनी चाहिए थी।
मंदिर पक्ष की ओर से बहस अभी जारी है और अब मामले में अगली सुनवाई सर्दी की छुट्टियों के बाद जनवरी में होगी। मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल कर इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें हाई कोर्ट की एकलपीठ ने मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से जुड़े 15 मूल मुकदमों को सुनवाई योग्य माना था। उन मुकदमों में मंदिर पक्ष की ओर से शाही ईदगाह मस्जिद को कृष्ण जन्मस्थान बताते हुए दावा किया गया है।
मंदिर पक्ष के वकील ने उठाई आपत्ति
पिछली सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह पहले इस मुद्दे पर सुनवाई करेगा कि इस मामले में एकल पीठ के फैसले के खिलाफ सीधे सुप्रीम कोर्ट आना चाहिए था या फिर पहले हाई कोर्ट की ही खंडपीठ में अपील दाखिल करनी चाहिए थी। सोमवार को प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई की। मुस्लिम पक्ष के सीधे सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल करने पर मंदिर पक्ष की ओर से हिन्दू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता के वकील बरुण कुमार सिन्हा ने आपत्ति उठाई।
जनवरी में होगी अगली सुनवाई
सिन्हा ने कहा कि विशेष अनुमति याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। उन्होंने अपनी दलीलों के समर्थन में हाई कोर्ट के अपील से संबंधित नियम चैप्टर 1, 5, 8, और 15 का हवाला दिया और कहा कि एकलपीठ के फैसले के खिलाफ स्पेशल अपील हाई कोर्ट की खंडपीठ में ही होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी नहीं दाखिल की जा सकती। हालांकि पीठ ने सवाल किया कि क्या ऐसी श्रेणी के कोई मामले हैं, जिनमें हाई कोर्ट की एकलपीठ के आदेश की खंडपीठ में अपील नहीं होती सीधे सुप्रीम कोर्ट आते हैं। कोर्ट का समय समाप्त हो जाने के कारण पीठ ने मामले को सर्दियों की छुट्टी के बाद जनवरी में सुनवाई के लिए लगाने का आदेश दिया।
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